राजस्थान में भारी बारिश ने मचाई तबाही, सड़कें लबालब, जनजीवन प्रभावित
जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में बीते 24 घंटे के दौरान कई जिलों में भारी बारिश का दौर चला। जयपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर , चित्तौड़गढ़ , प्रतापगढ़ , बांसवाड़ा , कोटा , बूंदी , बारां , टोंक ,जोधपुर ,जालोर व पाली जिले में कई जगह भारी वर्षा हुई। वहीं, उदयपुर, भीलवाड़ा और बाड़मेर जिले में कहीं-कहीं भारी से अतिभारी वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में सबसे अधिक बारिश उदयपुर के ऋषभदेव में 202 मिलीमीटर (आठ इंच) दर्ज की गई। पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर के गुडामालानी में 147 मिलीमीटर (5.88 इंच) बारिश हुई।
उदयपुर में 24 घंटों की बरसात से सीसारमा गांव में पानी भर गया तो मोरवानिया नदी में तेज बहाव से पुल टूट गया। इससे आवागमन बाधित हो गया। इधर, अहमदाबाद हाइवे पर भी पानी भर गया जिससे जाम लग गया। करीब 6 घंटे बाद जाम खुल पाया।इसी प्रकार जोधपुर में एक घंटे में शहर में एक साथ 90 मिलीमीटर पानी बरस गया। बारिश से अधिकांश सड़कें, गलियां, मौहल्ले, चौराहे ताल-तलैय्या बन गए। गंगाना तालाब लबालब होने से डूब क्षेत्र में बने मकानों में पानी भर गया। कई कॉलोनियां में पानी भर गया। शहर में कई इलाकों में शाम तक पानी नहीं उतरा। चावण्डा गांव टापू बन गया। पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों ने नांव की मदद से 50-55 मासूम बच्चों को सकुशल घर तक पहुंचाया।तिंवरी-ओसियां रेलवे ट्रैक के बीच नीचे से मिट्टी पानी में बह गई। करीब 20 मीटर तक पटरियां हवा में झूल गई। इस रूट की एक ट्रेन को डायवर्ट किया गया। कुछ ट्रेनों को रद्द भी कर दिया गया। अलवर के भिवाड़ी में दो घंटे में छह और कोटकासिम में दो इंच पानी बरसा। बारिश के पानी को भिवाड़ी के नाले नहीं झेल पाए और नाले ओवरफ्लो हो गए। इससे सड़कें दरिया बन गई।
बेणेश्वर धाम फिर टापू में तब्दील
डूंगरपुर साबला वागड़ प्रयाग बेणेश्वरधाम एक बार फिर टापू में तब्दील हो गया। माही डेम व सोम कमला आम्बा बांध के गेट खोलने के बाद सोम व माही नदियों में पानी की आवक तेज हो गई है। जिसके चलते बेणेश्वर धाम सप्ताह में दूसरी बार टापू में तब्दील हो गया। ऐसे में धाम को जोड़ने वाले तीनों मार्ग बंद होने से धाम का संपर्क डूंगरपुर व बांसवाड़ा जिले के साथ आसपास गांवों से कट गया। धाम पर मंदिर के पुजारियों सहित 25 से अधिक श्रद्धालु मौजूद है। सभी सुरक्षित है।
नैनवां में पौने चार इंच बारिश, दुगारी गांव में बाढ़ से हालात
बूंदी जिले के नैनवां में रात को दो घंटे में पौने चार इंच बारिश हुई। बारिश से दुगारी के कनक सागर बांध पर डेढ़ फीट की चादर चलने से पानी गांव में घुस गया और बाढ़ के हालात बन गए। चारों तरफ से आवागमन के रास्ते बंद होने से निचली बस्तियों, मैन मार्केट व आसपास के घरों में पानी भर गया है। सुवानिया गांव में भी तालाब की वेस्टवेयर का पानी गांव में घुसने से बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। कापरेन क्षेत्र के बलकासा गांव में रात को तेज मेघ गर्जना के साथ पक्के मकान पर बिजली गिरने से मकान क्षतिग्रस्त हो गया।
रपट से कार बहकर नदी में गिरी, दादा-पोती सहित तीन को सुरक्षित निकाला
जोधपुर के चावण्डा गांव में नदी ओवरफ्लो हो गई और रपट से एक बोलेरो बहकर नदी में जा गिरी। उसमें सवार दादा-पोती सहित तीन जनों की जान पर बन आई। करीब पौन घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने जेसीबी व रस्से की मदद से एक-एक कर तीनों को सकुशल बाहर निकाल लिया।थानाधिकारी देवीचंद ढाका ने बताया कि मथानिया थानान्तर्गत बासनी भाटियान गांव निवासी बालूसिंह भाटी की पोती की बुधवार को जेएनवीयू में परीक्षा थी।
बारिश का दौर जारी रहेगा
मौसम विभाग के अनुसार, मध्यप्रदेश के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र कमजोर होकर साइक्लोनिक सर्कुलेशन में परिवर्तित हो चुका है। वर्तमान में दक्षिण पूर्वी राजस्थान क्षेत्र के ऊपर अवस्थित है। एक और नया कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में आगामी 24 घंटे में बनने की संभावना है। इसके प्रभाव से पूर्वी राजस्थान के अधिकांश भागों में आगामी 4-5 दिन मानसून सक्रिय रहने तथा कहीं-कहीं भारी बारिश की गतिविधियां जारी रहने की प्रबल संभावना है। कोटा शहर में 5 से 7 सितम्बर तक तेज हवा के साथ बारिश के आसार हैं। 8 सितम्बर को तेज बारिश हो सकती है।