राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट, फटाफट वीडियो में जानें 6 जिलों में जारी की गई सख्त चेतावनी
बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम ने अब तेज रफ्तार पकड़ ली है और यह डिप्रेशन में तब्दील हो चुका है। मौसम विभाग के अनुसार इस सिस्टम का प्रभाव राजस्थान में शुक्रवार से नजर आने लगेगा। इसके चलते राज्य के कई हिस्सों में भारी से अतिभारी बारिश होने की संभावना जताई गई है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस मौसमी सिस्टम को लेकर राज्य के 23 जिलों में अलर्ट जारी किया है। इनमें से 6 जिलों में अतिभारी बारिश की चेतावनी दी गई है। सबसे ज्यादा असर कोटा, अजमेर, जोधपुर और उदयपुर संभाग के जिलों में देखने को मिल सकता है।
कहां-कहां हो सकती है भारी बारिश?
मौसम विभाग के मुताबिक, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अजमेर, नागौर, पाली, सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों में शुक्रवार से लेकर शनिवार तक तेज बारिश की संभावना है। इनमें से कुछ जिलों में 100 मिमी से ज्यादा बारिश हो सकती है, जिससे जलभराव और निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं।
अतिभारी बारिश वाले जिले
जिन छह जिलों में अतिभारी बारिश (Over 115.6 mm) की चेतावनी दी गई है, वे हैं:
-
बांसवाड़ा
-
डूंगरपुर
-
उदयपुर
-
चित्तौड़गढ़
-
कोटा
-
झालावाड़
इन जिलों में प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत-बचाव दलों को अलर्ट मोड में रखा गया है।
स्कूल बंद और यातायात पर असर संभव
जिन जिलों में भारी बारिश की आशंका है, वहां जिला प्रशासन द्वारा स्कूलों को एहतियातन बंद करने का निर्णय लिया जा सकता है। साथ ही, कई इलाकों में जलभराव और सड़कें क्षतिग्रस्त होने से यातायात बाधित हो सकता है। नागरिकों को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
किसानों के लिए राहत, लेकिन सतर्कता जरूरी
राज्य के कई हिस्सों में मॉनसून अब तक कमजोर रहा था, जिससे किसान चिंता में थे। अब इस डिप्रेशन से होने वाली बारिश खरीफ फसलों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। हालांकि, अतिभारी बारिश से खेतों में जलभराव और फसलों को नुकसान का खतरा भी है। मौसम विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे मौसम की ताजा जानकारी पर ध्यान दें और खेतों में अतिरिक्त जल निकासी की व्यवस्था रखें।
मौसम विभाग की सलाह
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम अलर्ट पर नजर बनाए रखें, बिजली की गड़गड़ाहट और तेज हवाओं के समय खुले में न रहें, और जरूरी न हो तो यात्रा टाल दें। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी संभावित प्रभावित इलाकों में तैनात की जा रही हैं।
