अलवर में दिल दहला देने वाली घटना, वीडियो में देखें पत्नी से विवाद में पिता ने 9 साल की बेटी की गला दबाकर की हत्या
राजस्थान के अलवर जिले से एक बेहद संवेदनशील और दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है, जहां पत्नी से चल रहे विवाद के चलते एक पिता ने अपनी ही 9 साल की मासूम बेटी की हत्या कर दी। यह घटना जिले के प्रतापगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव की है। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। इस वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और लोग स्तब्ध हैं कि कोई पिता इतना निर्दयी कदम कैसे उठा सकता है।
पुलिस के अनुसार, 18 दिसंबर को गांव के पास झाड़ियों में एक बच्ची का शव मिलने से हड़कंप मच गया था। मृत बच्ची चौथी कक्षा में पढ़ती थी और पिछले कुछ दिनों से लापता थी। ग्रामीणों ने जब झाड़ियों में शव देखा तो तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू की।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्ची की मौत गला दबाने से होना सामने आया। इसके बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच की दिशा बदली। जांच के दौरान पुलिस को बच्ची के पिता पर शक हुआ, जो घटना के बाद से ही फरार चल रहा था। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और परिजनों से पूछताछ के आधार पर आरोपी की तलाश तेज कर दी।
पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि आरोपी की पत्नी लंबे समय से मायके में रह रही थी। पति-पत्नी के बीच आपसी विवाद चल रहा था और आरोपी अपनी पत्नी को पीहर से वापस बुलाना चाहता था। इसी बात को लेकर घर में तनाव का माहौल था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने पत्नी पर दबाव बनाने और उसे वापस लाने की कोशिश में अपनी ही बेटी को निशाना बनाया। आरोपी को लगा कि बेटी की हत्या से पत्नी टूट जाएगी और वापस लौट आएगी।
18 दिसंबर को आरोपी ने बच्ची को घर से बाहर ले जाकर झाड़ियों में उसका गला दबा दिया और मौके से फरार हो गया। बच्ची की बेरहमी से हत्या के बाद आरोपी गांव छोड़कर भाग गया था, जिससे पुलिस को शुरुआती जांच में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
लगातार दबिश और सूचना तंत्र के जरिए पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा। आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।
इस घटना के बाद गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि बच्ची बेहद होनहार और शांत स्वभाव की थी। किसी ने भी नहीं सोचा था कि पारिवारिक विवाद इतना भयावह रूप ले लेगा।
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि घरेलू कलह और मानसिक तनाव का सबसे बड़ा शिकार मासूम बच्चे क्यों बनते हैं। कानून व्यवस्था के साथ-साथ समाज को भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
