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Happy New Year 2025 पर आप भी सांभर झील में वेटलैंड्स के अद्भुत दृश्य का जीवनसाथी के साथ उठाएं लुत्फ

 
Happy New Year 2025 पर आप भी सांभर झील में वेटलैंड्स के अद्भुत दृश्य का जीवनसाथी के साथ उठाएं लुत्फ

राजस्थान दर्शन डेस्क,अगर आप जनवरी महीने की हाड़ कपाने वाली ठंड से राहत पाने के लिए किसी गर्म वातावरण वाले पर्यटन स्थल पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो राजस्थान की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर झील (Sambhar Jheel) आपके लिए बेहतर विकल्प साबित होगी। जयपुर से लगभग 80 किलोमीटर दूर सांभर झील प्रदेश के तीन जिलों में फैली हुई है। यह जयपुर, अजमेर और नागौर जिले में पड़ती है। सांभर झील पर्यटकों के लिए एक शानदार स्थल होने के साथ ही नमक उत्पादन और फिल्म शूटिंग के लिए भी जानी जाती है। सांभर झील जयपुर महानगर सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

इस झील के खारे पानी में सोडियम क्लोराइड, सल्फेट और कार्बोनेट होता है। जब यह बहुत गर्म शुष्क मौसम के दौरान पूरी तरह से संतृप्त हो जाता है, तो कार्बनिक रिएक्शन के कारण से झील का पानी लाल रंग का दिखाई देता है। प्रकृति की गोद में बसी सांभर झील (Sambhar Jheel) अपने प्राकृतिक सौंदर्य और सबसे ज्यादा नमक उत्पादन के लिए जानी जाती है। यहां पंछियों का खूबसूरत कोलाहल और झील का शांत जल साथ ही आसमान पर खूबसूरत लालिमा लिए सूर्य के अस्त और उदय होने का दृश्य पर्यटकों को यहां आने के लिए बाध्य करता है। राजस्थान स्थित सांभर झील सिर्फ अपनी खूबसूरती और नमक उत्पादन के लिए ही नहीं बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। ये झील प्राचीन काल से नमक की उपयोगिता के लिए प्रचलित है।

झील से जुड़ी मान्यता

प्राकृतिक सांभर झील को लेकर यह मान्यता है कि जयपुर से 100 किमी. दूर सांभर कस्बे में शाकंभरी माता का मंदिर (Shakambari Mata Mandir) है। इस मंदिर को करीब 2500 साल पुराना बताया जाता है। शाकंभरी माता चौहान वंश की कुलदेवी हैं। उन्हें मां दुर्गा का अवतार भी माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय में पृथ्वी पर सौ साल तक बारिश नहीं हुई। इससे अन्न-जल की कमी हो गई, तब मुनियों ने देवी भगवती की उपासना की। इस उपासना से खुश होकर मां दुर्गा ने शाकंभरी रूप में अवतार लिया।

उनकी कृपा से वर्षा हुई और अन्न-जल का संकट खत्म हुआ। लेकिन इस घटना के कुछ समय बाद मां की कृपा से उत्पन्न हुई प्राकृतिक संपदा को लेकर लोगों में आपस में ही विवाद शुरू हो गए। इससे देवी मां शाकंभरी कूपित होकर यहां की अन्न जल संपदा और खजाने को नमक में बदल दिया। जिसके उपरांत सांभर झील की उत्पत्ति हुई। यहां पर ठंड के मौसम में पर्यटक गुनगुनी धूप का आनंद लेने आते हैं। साथ ही इस जगह के पास स्थित पर्यटन स्थलों पर घूमने का भी लुत्फ उठाते हैं। आइए जानते हैं सांभर झील के आसपास स्थित पर्यटन स्थलों (Tourist Places Near Sambhar Lake) के बारे में-

जयपुर में स्थित सांभर झील (Sambhar Salt Lake) के आसपास का स्थान अपनी खूबसूरती के चलते पर्यटकों के लिए छुट्टियां बिताने के लिए एक आरामगाह तो बन ही चुके हैं साथ ही फिल्म निर्माण के लिए भी इस स्थल को काफी ज्यादा पसंद किया जाता है। अब तक यहां कई बड़ी फिल्मों के अहम दृश्यों को इस जगह पर फिल्माया जा चुका है। जिसमें सांभर झील क्षेत्र के शाकम्भरी माता मंदिर व झील क्षेत्र में जोधा-अकबर, पीके, गुलाल, रामलीला, दिल्ली- 6, द्रोण, हाईवे जैसी 10 बड़ी फिल्मों की शूटिंग हुई है। इसके अतिरिक्त इस जिले में सांभर झील (Sambhar Jheel) और नावां स्थित पांचोता कुंड (Panchota Kund) को पिकनिक स्पॉट के रूप में उभारा गया है। यहां नमक की प्राकृतिक झीलों के आसपास इस दौरान पर्यटक सेल्फी और फोटोशूट के लिए आते हैं। नावां से 15 किमी दूर झील क्षेत्र में स्थित शाकम्भरी माता मंदिर भी क्षेत्र की खास पहचान बन चुका है। यहां नमक की सांभर झील, धार्मिक स्थल शाकंभरी माता मंदिर, अंग्रेजों के जमाने के साल्ट, सांभर झील में बनी दादू दयाल की छतरी, नमक के पहाड़ जैसे बहुत आकर्षक स्थल, पांचोता कुण्ड धाम पर्यटक स्थल है।

आप अगर प्रकृति प्रेमी हैं और पंछियों को क्रीड़ा करते देखना पसंद करते हैं तो सांभर झील आपके लिए बेस्ट प्लेस साबित होती है। पक्षी प्रेमियों को यहां कई दुर्लभ प्रजातियों के पंछियों को देखने का मौका मिलता है। सर्दियों के मौसम में यहां हर वर्ष प्रवासी पक्षी इस वेटलैंड पर आते हैं। यहाँ सभी प्रकार के घरेलू और विदेशी पक्षियों को आराम करते हुए देखा जा सकता है। खास तौर से गुलाबी राजहंस का सबसे बड़ा समूह यहां इस दौरान कुछ दिन के लिए ठहरने आता है। यहां आपको बस एक दूरबीन और शायद बैठने के लिए एक चटाई ले जाने की ज़रूरत है। यहां सर्दियों में हजारों प्रवासी पक्षी आते हैं, जिनमें फ्लेमिंगो, पेलिकन और कई अन्य दुर्लभ प्रजातियां शामिल हैं। इन पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास में देखना एक अद्वितीय अनुभव होता है। सुबह-सुबह या शाम के समय जब सूरज ढल रहा होता है तब इन पक्षियों को देखना बेहद खूबसूरत लगता है।इसके अलावा आप बाइनोकुलर लेकर इनकी गतिविधियों को करीब से देख सकते हैं। सांभर झील में कैंपिंग एक और बहुत लोकप्रिय गतिविधि है। चूँकि यह जगह शांति और सुकून से भरी हुई है और सूर्यास्त के अद्भुत दृश्य भी प्रदान करती है, इसलिए बहुत से लोग यहाँ कैंपिंग करने और रात के साफ़ आसमान को देखने के लिए आते हैं। चूँकि झील कई राजमार्गों से घिरी हुई है, इसलिए कैंपिंग के लिए एक आदर्श स्थान ढूँढ़ना बहुत आसान है। बस यह सुनिश्चित करें कि यह पर्याप्त सूखा हो और पानी से सुरक्षित दूरी पर हो। आप कई कैंपिंग साइटों में से किसी के साथ पंजीकरण भी कर सकते हैं। उनके पैकेज का लाभ उठा सकते हैं या आप अपना खुद का एक टेंट लगा सकते हैं, अलाव जला सकते हैं, खाना बना सकते हैं और आप जाने के लिए तैयार हैं। लेकिन इसके लिए आपको स्थानीय अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी।