जयपुर में हवा में उड़ते नजर आए हनुमानजी, वीडियो में देखें बीच सड़क दिखाई तलवारबाजी
राजस्थान में रामनवमी का पर्व पारंपरिक उल्लास और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। रविवार को प्रदेश भर के मंदिरों में भव्य आयोजन हुए, आकर्षक सजावट की गई और धार्मिक शोभायात्राओं ने नगरों की गलियों को राममय कर दिया। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा समेत तमाम जिलों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और हर ओर "जय श्रीराम" के जयकारों की गूंज सुनाई दी।
जयपुर की रामनवमी शोभायात्रा इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र रही। यात्रा में कई धार्मिक प्रसंगों पर आधारित झांकियों को शामिल किया गया, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान खींचा हनुमान जी की झांकी ने। इसमें पौराणिक कथा के अनुसार संजीवनी बूटी लाने के दृश्य को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। झांकी में हनुमान जी को आकाश में उड़ते हुए दिखाया गया, जो तकनीक और भक्ति का सुंदर मेल था। इस दृश्य को देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
राजधानी जयपुर के अलावा अजमेर, बीकानेर, भरतपुर, अलवर, सीकर और चित्तौड़गढ़ में भी मंदिरों को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाया गया। कई स्थानों पर भजन संध्याओं, रामकथाओं और भंडारों का आयोजन भी किया गया, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
जयपुर के गोविंद देवजी मंदिर, सांगानेरी गेट स्थित रामचंद्रजी मंदिर और गलता जी मंदिर में हजारों श्रद्धालु सुबह से ही दर्शन के लिए पहुंचे। राम जन्म के ठीक समय दोपहर 12 बजे मंदिरों में शंखनाद और घंटे-घड़ियाल की गूंज से माहौल भक्तिमय हो गया।
शहर की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए प्रशासन ने खास इंतज़ाम किए थे। पुलिस और प्रशासन की टीमों ने शोभायात्राओं के रूट पर निगरानी रखी। ड्रोन कैमरों से भीड़ पर नजर रखी गई और मेडिकल सहायता के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी।
धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत के संगम इस पर्व ने यह साबित कर दिया कि रामनवमी सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि जनभावनाओं का उत्सव है। राजस्थान में यह पर्व सामाजिक समरसता, पारंपरिक मूल्यों और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनकर उभरा।
