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Hanuman Jayanti 2025 : आज के शुभ मुहूर्त में करें बजरंगबली की पूजा, जानें मंत्र, विधि और महत्त्व

 
Hanuman Jayanti 2025 : आज के शुभ मुहूर्त में करें बजरंगबली की पूजा, जानें मंत्र, विधि और महत्त्व

हनुमान जयंती का पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हनुमान जयंती का पर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हनुमान जी के बारे में मान्यता है कि वे कलियुग में भी अमर हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति को भूत-प्रेत और पिशाच का भय नहीं रहता। हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा। साथ ही जानिए हनुमान जयंती का महत्व और पूजा विधि...

हनुमान जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त
शुभ चौघड़िया सुबह 7:34 से 9:10 बजे तक।
इसके बाद दोपहर 1:57 से 3:33 बजे तक लाभ चौघड़िया।
अमृत चौघड़िया दोपहर 3:33 से शाम 5:09 बजे तक।
वैसे तो हनुमान जयंती के दिन आप ऊपर दिए गए मुहूर्त में कभी भी पूजा कर सकते हैं, लेकिन दोपहर के समय पूजा करना बेहद लाभकारी साबित होगा।

हनुमान जयंती पूजा विधि
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। हो सके तो सिंदूर से सजी मूर्ति चुनें और मूर्ति का मुख पूर्व दिशा में रखें।
इसके बाद हाथ में जल, फूल और चावल लेकर हनुमान जयंती व्रत और पूजा का संकल्प लें।
सबसे पहले पूजा स्थल पर दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
इसके बाद "ॐ हनुमते नमः" मंत्र का जाप करते हुए भगवान का ध्यान करें और उनका आह्वान करें।
इसके बाद हनुमान जी की मूर्ति का दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें। फिर स्वच्छ जल से शुद्ध करें।
हनुमान जी को लाल वस्त्र, सिंदूर, माला, चंदन और बेलपत्र चढ़ाएं। हनुमान जी को लाल रंग विशेष प्रिय है।
इसके बाद हनुमान जी को भोग लगाएं, गुड़, चना, नारियल, लड्डू या बूंदी का भोग लगाएं।
इसके बाद हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
अंत में हनुमान जी की आरती "आरती कीजे हनुमान लाला की" गाएं और दीपक और पुष्प से उनकी पूजा करें।
अंत में अधिक से अधिक लोगों को प्रसाद बांटें।

हनुमान जयंती श्री हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह दिन चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को पड़ता है, जिसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार अत्यंत शुभ तिथि माना जाता है। कई जगहों पर इसे कार्तिक माह में मनाया जाता है। आपको बता दें कि हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। हनुमान जी माता अंजनी और पवन देव के पुत्र हैं।