पेयजल घोटाले पर मंत्री जोगाराम पटेल का बड़ा बयान, वीडियो में देखें बोले 55 करोड़ का टेंडर से पहले घोटाला कर चुके हैं महेश जोशी

राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने शनिवार को अपने जोधपुर दौरे के दौरान पेयजल घोटाले को लेकर बड़ा और सनसनीखेज बयान दिया। सर्किट हाउस में मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी को सीधे तौर पर घोटाले का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राज्य के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि किसी मंत्री को अपने ही विभाग में हुए घोटाले के चलते जेल जाना पड़ा हो।
मंत्री जोगाराम पटेल ने स्पष्ट कहा, "राजस्थान के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी मंत्री को अपने ही विभाग में घोटाले के आरोप में जेल जाना पड़ा हो और वह हैं महेश जोशी।" उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि पूर्ववर्ती सरकार में किस तरह से भ्रष्टाचार को संरक्षित किया गया।
अशोक गहलोत पर भी लगाए गंभीर आरोप
मीडिया से बातचीत में जोगाराम पटेल ने इस पूरे मामले की जड़ तक पहुंचते हुए कहा कि इसके लिए अकेले महेश जोशी ही नहीं, बल्कि उस समय के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। पटेल ने कहा, "जब मंत्री विभागीय घोटाले में लिप्त होता है, तो सवाल उसकी निगरानी करने वाले मुख्यमंत्री पर भी उठते हैं। यह पूरा सिस्टम गहलोत सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार की छवि को उजागर करता है।"
पेयजल योजनाओं में हुआ था करोड़ों का घोटाला
ज्ञात हो कि पेयजल योजनाओं के नाम पर करोड़ों रुपये की अनियमितताएं उजागर हुई थीं, जिसमें पाइपलाइन की खरीद से लेकर निर्माण कार्यों में भारी गड़बड़ी सामने आई थी। इस मामले में पहले ही कई अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही थी, और हाल ही में महेश जोशी की गिरफ्तारी ने पूरे मामले को राजनीतिक रंग दे दिया है।
राजनीति गरमाई, विपक्ष हमलावर
जोगाराम पटेल के इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है। भाजपा जहां इस बयान को आधार बनाकर कांग्रेस पर हमलावर है, वहीं कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि सूत्रों की मानें तो कांग्रेस इस बयान को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बता सकती है।
जनता की अपेक्षाओं पर सवाल
इस पूरे मामले से जनता के बीच यह सवाल उठने लगा है कि अगर पूर्व सरकार में इस तरह के घोटाले हो रहे थे, तो उन पर तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं हुई? और क्या अब भी इस मामले में केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ही चलते रहेंगे, या दोषियों को सख्त सजा भी मिलेगी?