बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर! दोपहर में मिलेगी मात्र ₹1.25 यूनिट की दर से बिजली, यहां पढ़े पूरी डिटेल

हालांकि, इसमें से बेस फ्यूल सरचार्ज की राशि समायोजित कर शेष राशि ली जाएगी। इसके पीछे केंद्र सरकार के निर्देशों का हवाला दिया गया। इसी तरह, उद्योग के अलावा अब घरेलू और व्यावसायिक श्रेणी के उपभोक्ताओं को भी टीओडी (टाइम ऑफ द डे) में शामिल किया जाएगा। इनमें 10 किलोवाट से अधिक लोड श्रेणी वाले वे उपभोक्ता (कृषि को छोड़कर) शामिल होंगे, जिनके यहां स्मार्ट मीटर लगे हैं। इनमें सरचार्ज और छूट की तीन अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं।
बिजली कंपनियों ने घरेलू श्रेणी में ऊर्जा शुल्क कम करने का प्रस्ताव दिया
हालांकि, बिजली कंपनियों ने ज्यादातर घरेलू श्रेणी में ऊर्जा शुल्क कम करने का प्रस्ताव दिया है। इसलिए उनका दावा है कि फिक्स चार्ज बढ़ाने और अन्य सरचार्ज लगाने से ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। आयोग ने इस पर आम जनता से आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। जन सुनवाई के बाद याचिका पर फैसला होगा।
उद्योगों को झटका: 1 रुपये यूनिट की छूट का लाभ नहीं!
बड़ी औद्योगिक इकाइयों, जिनका लोड फैक्टर 50% से अधिक है, को वर्तमान में ऊर्जा शुल्क में 1 रुपये प्रति यूनिट की छूट दी जा रही है। इस छूट को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि, सामान्य मामलों में ऊर्जा शुल्क 7.30 रुपये से घटकर 6.50 रुपये रह जाएगा।अब जो नए उद्योग शुरू हो रहे हैं, उन्हें 55 और 85 पैसे प्रति मिनट की छूट दी जा रही है। इनमें मध्यम और बड़े दोनों तरह के उद्योग शामिल हैं। अब यह छूट घटाकर 20 और 30 पैसे प्रति यूनिट की जानी है।
बिजली कंपनियों का दावा...
1- पहली बार सभी श्रेणियों में बिजली शुल्क कम करने का प्रस्ताव
2- राज्य में घरेलू श्रेणी के करीब 1 करोड़ 35 लाख उपभोक्ता हैं। इनमें से राज्य सरकार 1 करोड़ 4 लाख घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को सब्सिडी दे रही है।
3- स्लैब के विलय के कारण घरेलू श्रेणी के मामले में करीब 17 लाख बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) और आस्था कार्डधारक उपभोक्ता हैं। चूंकि सरकार पहले से ही मर्ज किए गए घरेलू स्लैब पर सब्सिडी दे रही है, इसलिए उनके बिलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
4- लघु, मध्यम और बड़े औद्योगिक श्रेणियों के लिए बिजली टैरिफ दरों को एक कर दिया गया है। औद्योगिक श्रेणी में बहुविध ऊर्जा प्रभारों के स्थान पर विद्युत की एक ही दर रखी गई है।
5- कृषि उपभोक्ताओं के लिए विद्युत प्रभार 5.55 रुपये प्रति यूनिट से घटाकर 5.25 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है।
(डिस्कॉम ने देर रात मीडिया में टैरिफ याचिका के कुछ बिंदुओं के जरिए अपना पक्ष रखा।
सुबह-शाम महंगी और दोपहर में सस्ती बिजली
सुबह 6 से 8 बजे तक- 5% सरचार्ज
दोपहर 12 से 4 बजे तक- 10% छूट
शाम 6 से 10 बजे तक- 10% सरचार्ज
इनमें 10 किलोवाट से ज्यादा लोड वालों के लिए TOD (टाइम ऑफ द डे) को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। सुबह-शाम के 6 घंटे में बिजली खपत पर 10% सरचार्ज लगेगा और दोपहर के 4 घंटे में 10% छूट मिलेगी। इसके पीछे तर्क यह है कि पीक ऑवर में कमर्शियल और इंडस्ट्रियल यूनिट कम बिजली खपत करें, ताकि इस दौरान दूसरे सामान्य उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा सके।
स्लैब घटाना...बिजली शुल्क घटाकर फिक्स चार्ज बढ़ाना
1- 50 से 150 यूनिट के तीन अलग-अलग स्लैब को मर्ज किया जाएगा। इस कैटेगरी में तीन अलग-अलग टैरिफ की जगह 100 रुपये प्रति यूनिट की दर 6 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित है। हालांकि, इसमें फिक्स चार्ज भी शामिल रहेगा। इसे अधिकतम 250 रुपये से घटाकर 150 रुपये प्रतिमाह करने का प्रस्ताव है।
2- 150 से 300 यूनिट वाले स्लैब में टैरिफ 7.35 रुपये से घटाकर 7 रुपये प्रति यूनिट किया जाना है।
3- तीसरी श्रेणी में चार की जगह दो ही स्लैब होंगे। इसमें 150 यूनिट तक टैरिफ 6 रुपये और 150 से 500 यूनिट तक टैरिफ 7 रुपये प्रति यूनिट होगा। इस श्रेणी का फिक्स चार्ज 400 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह करने का प्रस्ताव है।
4- 500 यूनिट से अधिक खपत वाली चौथी श्रेणी में 150 यूनिट तक टैरिफ 6 रुपये और 150 से 500 यूनिट तक 7 रुपये प्रति यूनिट और 500 यूनिट से अधिक बिजली पर 7.50 रुपये प्रति यूनिट टैरिफ होगा। इसमें फिक्स चार्ज 450 रुपये से बढ़ाकर 800 रुपये प्रतिमाह किया जाना है।
5- इसी तर्ज पर कमर्शियल और इंडस्ट्रियल टैरिफ के लिए अलग-अलग प्रस्ताव हैं।