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56,000 वरिष्ठ नागरिकों के लिए खुशखबरी! मिलेगा मुफ्त ट्रेन और फ्लाइट यात्रा का लाभ, जानें कौन कर सकता है आवेदन और कैसे मिलेगा लाभ

 
56,000 वरिष्ठ नागरिकों के लिए खुशखबरी! मिलेगा मुफ्त ट्रेन और फ्लाइट यात्रा का लाभ, जानें कौन कर सकता है आवेदन और कैसे मिलेगा लाभ

राजस्थान सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक शानदार योजना शुरू की है। वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना 2025 के तहत 56 हज़ार बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थयात्रा कराने की घोषणा की गई है। इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन शुक्रवार से शुरू हो रहे हैं। इस बार धार्मिक स्थलों के साथ-साथ वाघा बॉर्डर जैसे राष्ट्रीय महत्व के स्थलों को भी यात्रा में शामिल किया गया है।

50 हज़ार के लिए ट्रेन, 6 हज़ार के लिए हवाई यात्रा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में इस योजना को और व्यापक बनाया गया है। देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि इस बार 50 हज़ार वरिष्ठ नागरिकों को आरामदायक एसी ट्रेनों से और 6 हज़ार को हवाई यात्रा कराई जाएगी। पहले यह संख्या केवल 35 हज़ार थी। अब ज़्यादा बुजुर्ग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। आवेदन की अंतिम तिथि 10 अगस्त 2025 है।

राजस्थानी संस्कृति से सजी विशेष ट्रेन

इस बार यात्रा को खास बनाने के लिए 11 विशेष कोच तैयार किए गए हैं, जिनमें राजस्थानी संस्कृति की झलक दिखाई देगी। ये कोच न केवल आरामदायक होंगे, बल्कि बुजुर्गों को उनकी सांस्कृतिक विरासत से भी जोड़ेंगे। सभी ट्रेनें धीर स्थित बालाजी स्टेशन से रवाना होंगी।

धार्मिक और राष्ट्रीय स्थलों का संगम

पहली बार इस योजना में धार्मिक स्थलों के साथ-साथ वाघा बॉर्डर जैसे राष्ट्रीय महत्व के स्थलों को भी शामिल किया गया है। बुजुर्गों में देशभक्ति और ऐतिहासिक समझ बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। पहले यह योजना केवल मंदिरों तक ही सीमित थी, लेकिन अब यह तीर्थयात्रा और देशभक्ति का अनूठा संगम है।

कौन आवेदन कर सकता है?

राजस्थान के 60 वर्ष से अधिक आयु के वे निवासी जो आयकर नहीं देते हैं, इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। देवस्थान विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

जानें कैसे करें आवेदन

देवस्थान विभाग ने आवेदन के लिए अपना पोर्टल शुरू कर दिया है। इच्छुक बुजुर्ग विभाग की वेबसाइट पर जाकर आसानी से आवेदन कर सकते हैं। यह योजना बुजुर्गों के लिए तीर्थयात्रा पर जाने का एक सुनहरा अवसर है। यह योजना न केवल धार्मिक यात्रा का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि बुजुर्गों को देश की समृद्ध विरासत और गौरव से भी जोड़ेगी।