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राजा पार्क में गीता महाकुंभ का आयोजन, फुटेज में जानें बांग्लादेश-पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति पर जताई चिंता

राजा पार्क में गीता महाकुंभ का आयोजन, फुटेज में जानें बांग्लादेश-पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति पर जताई चिंता
 
राजा पार्क में गीता महाकुंभ का आयोजन, फुटेज में जानें बांग्लादेश-पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति पर जताई चिंता

राजधानी के राजा पार्क स्थित श्रीराम मंदिर में चल रहे बगलामुखी महायज्ञ के अंतर्गत रविवार को गीता महाकुंभ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश-विदेश में हिंदू समाज से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। विशेष रूप से बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति, लव जिहाद और सोशल मीडिया पर सामने आ रही हिंसा की तस्वीरों को लेकर वक्ताओं ने गंभीर चिंता व्यक्त की।

कार्यक्रम शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर एवं श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ, जबकि इसकी अध्यक्षता पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने की। गीता महाकुंभ का आयोजन धार्मिक, सामाजिक और राष्ट्रहित से जुड़े विषयों पर समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया।

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने अपने संबोधन में कहा कि पड़ोसी देशों बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं उठाया जा रहा। उन्होंने कहा कि सनातन समाज को एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करनी होगी और सत्य को सामने लाने के लिए संगठित प्रयास करने होंगे।

पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन और राष्ट्र निर्माण का मार्गदर्शक है। उन्होंने युवाओं से गीता के संदेशों को अपनाने और समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ जागरूक होने का आह्वान किया। आहूजा ने लव जिहाद और सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रही हिंसा व नफरत पर भी चिंता जताई और इसे समाज के लिए घातक बताया।

गीता महाकुंभ के मुख्य संयोजक पंडित विजय कौशिक और राजू बॉक्सर रहे। उन्होंने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य गीता के विचारों के माध्यम से समाज को जागरूक करना और सनातन संस्कृति को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक और हिंसक सामग्री तेजी से फैल रही है, तब गीता का संदेश और अधिक प्रासंगिक हो जाता है।

कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट चंद्रप्रकाश खेतानी ने किया। उन्होंने कहा कि गीता महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक चिंतन का मंच है, जहां समाज से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर खुलकर विचार-विमर्श किया जा रहा है।

गीता महाकुंभ में बड़ी संख्या में संत, समाजसेवी, बुद्धिजीवी और सनातन संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि हिंदू समाज को संगठित होकर अपने अधिकारों और अस्तित्व की रक्षा के लिए आगे आना होगा। कार्यक्रम के दौरान धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ विचार गोष्ठी भी आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्र, धर्म और समाज से जुड़े विषयों पर मंथन किया गया।