गहलोत का केंद्र और राज्य सरकार पर हमला, बोले- ‘करोड़ों विज्ञापन में बहाए जा रहे हैं, लेकिन गांधी म्यूज़ियम पर चुप्पी क्यों?’ देखे VIDEO
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को गांधी वाटिका का अवलोकन करने के बाद पत्रकारों से कहा कि मुझे लगता है कि गांधी जी की प्रतिमा कई देशों में लगी है, महात्मा गांधी की प्रतिमा कई देशों में लगी है, लेकिन गांधी की जीवनी पर बना म्यूजियम हमारे देश में भी नंबर 1 है, यह जयपुर में बना है और काफी मेहनत से बना है। लेकिन लोग कम आते हैं, सरकार से मेरी यही शिकायत है कि वे इसका प्रचार भी करें। उन्होंने कहा कि सरकार हजारों या सैकड़ों करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च कर रही है, तो आप म्यूजियम क्यों नहीं बनाते जिसे देश के लोग महात्मा गांधी के संदेश के रूप में देखें, नई पीढ़ी उनके विचारों के करीब आए और म्यूजियम देखने आए, सरकार को प्रचार के माध्यम से यह व्यवस्था करनी चाहिए और इसमें छात्रों के लिए रियायत दी गई है, लेकिन सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमने एक योजना बनाई थी ताकि हर कोई इसे कम से कम एक साल तक देख सके और गांधी के जीवन को आत्मसात कर सके उन्होंने कहा कि हमारे समय में इसे मुफ्त में कैसे देखा जा सकता है या अन्य लोग संग्रहालय को मुफ्त में देख सकते हैं, अगर वह व्यवस्था होती तो पूरे देश और विदेश में खबर अपने आप फैल जाती, जो पर्यटक बाहर से आते हैं, देशी-विदेशी, वे यहां जरूर आते, यह संग्रहालय इतना अद्भुत है। छात्रों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है, पूरे संग्रहालय को देखने में ढाई से तीन घंटे लगते हैं यदि आप इसे सही तरीके से देखते हैं, पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार को इसमें आगे आना चाहिए।
मैंने रखरखाव का काम देखा है, अगर कुछ कमियां हैं, तो उन्हें दूर किया जा रहा है, मुझे उम्मीद है कि सरकार इस ओर ध्यान देगी, जो अधिकारी जुड़े हैं वे इसे बेहतर बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, मैंने उनसे बात भी की, मुझे अच्छा लगा कि वे खुद इस बात में रुचि रखते हैं कि संग्रहालय किस तरह से मानक होना चाहिए, जिस कंपनी को काम दिया गया है वह पुणे की कंपनी है, यह उनकी देखरेख में बनाया गया था, वे भी इसमें रुचि ले रहे हैं। मुझे लगता है कि इस काम पर सरकार की नज़र होनी चाहिए ताकि भविष्य में अगर कुछ निवेश करना पड़े, ये सिविल वर्क है, मान लीजिए जेडीए का काम है, आज भी उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए, वरना ये टूट जाएगा, इसकी मरम्मत करना मुश्किल हो जाएगा, इसे बनाने में करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं, तो सरकार को इसकी चिंता करनी चाहिए।
बाकी जो काम पुणे की फर्म जेडीए को तीन साल के लिए दिया गया था, पाँच साल के लिए, उनका कर्तव्य है कि वे इस पर पूरा ध्यान दें। गांधी के संदेश की आज भी ज़रूरत है, देश में जो हिंसा और नफ़रत का माहौल बना है, उसमें लोकतंत्र को बचाना ज़रूरी है, लोगों को गांधी के मार्गदर्शन पर चलना सिखाना ज़रूरी है, इसके लिए भी मुझे लगता है कि सरकारों को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं इस जगह के उद्घाटन के बाद पहली बार यहाँ आया हूँ, मैं यहाँ इसलिए आया हूँ ताकि ये लोकप्रिय हो और मुझे उम्मीद है कि जब मैं यहाँ आया हूँ, तो मैं उम्मीद करता हूँ कि सरकार इस पर ध्यान देगी और इसका प्रचार कैसे किया जाए, इस पर कोई कार्यक्रम बनाएगी।
