Aapka Rajasthan

पूर्व सीएम गहलोत को मिली अमेठी सीट के सीनियर आब्जर्वर की जिम्मेदारी, 2009 में बने थे यूपी के प्रभारी, वायरल क्लिप में देखें ताजा हालात

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। एआईसीसी ने अशोक गहलोत को अमेठी लोकसभा सीट का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया गया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को रायबरेली सीट का जिम्मा दिया गया है। उनको राहुल गांधी.............

 
hf

राजस्थान न्यूज डेस्क !!! राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। एआईसीसी ने अशोक गहलोत को अमेठी लोकसभा सीट का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया गया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को रायबरेली सीट का जिम्मा दिया गया है। उनको राहुल गांधी जिस सीट से चुनाव लड़ रहे उस रायबरेली सीट का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया गया है। कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने उनके नियुक्ति आदेश जारी किए। अशोक गहलोत ने कहा कि अमेठी में कांग्रेस कार्यालय पर तोड़फोड़ निंदनीय है। ऐसी घटनाएं भाजपा की हार की बौखलाहट का स्पष्ट प्रमाण है।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अब देश की राजधानी और गांधी परिवार की पैतृक सीट अमेठी की जिम्मेदारी दी गई है. राजस्थान के 72 साल के इतिहास में अशोक गहलोत अकेले ऐसे नेता हैं जो छह राज्यों के पर्यवेक्षक, चुनाव प्रभारी रहे हैं. 2004 में कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश से ही गहलोत को प्रदेश प्रभारी बनाया था. अब यूपी की हॉट सीट अमेठी का वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है. वह पहले उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, असम आदि राज्यों के प्रभारी, पर्यवेक्षक (पर्यवेक्षक) रह चुके हैं। राजस्थान से कोई भी नेता इतने राज्यों का प्रभारी नहीं रहा है. गहलोत ने जनवरी 2004 से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में कार्य किया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ का कार्यभार संभाला. 17 जुलाई 2004 से 18 फरवरी 2009 तक, गहलोत ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में कार्य किया। इस दौरान गहलोत यूपी, दिल्ली की सभी फ्रंटल यूनिटों और सेवादल के प्रभारी रहे हैं.

गहलोत को क्यों दी गई अमेठी की जिम्मेदारी?

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस ने एक खास वजह से अमेठी जैसी सीट की जिम्मेदारी दी है. जानकारों का कहना है कि उन्हें कांग्रेस और गांधी परिवार की विश्वसनीयता बहाल करने का काम सौंपा गया है. किशोरी लाल शर्मा कांग्रेस के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़ रहे हैं. 2019 में राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए. इस सीट पर बीजेपी से कड़ी चुनौती का सामना करने के लिए कांग्रेस ने अशोक गहलोत को जिम्मेदारी सौंपी है.

चुनाव जिताने में राहुल ने अहम भूमिका निभाई

गहलोत उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी रह चुके हैं. 2009 में उनके प्रभार में राहुल गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2022 में प्रभारी रहते हुए उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी चुनौती दी. 72 साल में गहलोत राजस्थान के पहले नेता हैं जो 6 राज्यों के पर्यवेक्षक और चुनाव प्रभारी रहे हैं। पायलट को दो राज्यों का प्रभार भी मिला: पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को सबसे पहले हिमाचल विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया था. इस बार उन्हें छत्तीसगढ़ में चुनाव का प्रभार सौंपा गया है. महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव के लिए जारी 40 स्टार प्रचारकों की सूची में पायलट को भी शामिल किया गया है. चुनाव से पहले नेशनल अलायंस में थे गहलोत लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस ने 19 दिसंबर 2023 को नेशनल अलायंस कमेटी का गठन किया था. इसके 5 सदस्यों में अशोक गहलोत का नाम सबसे पहले रखा गया