पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश सरकार पर कसा तंज, वीडियो में देखें कहा- कोई दम नहीं, सिर्फ रूटीन की बातें

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने राज्य सरकार पर कई मुद्दों को लेकर तंज कसा है। गहलोत ने हाल ही में आईफा अवॉर्ड्स (IIFA Awards) और बजट घोषणाओं पर सवाल उठाए, साथ ही सरकार के खिलाफ अपनी नाखुशी व्यक्त की। इसके अलावा, नेता प्रतिपक्ष द्वारा माधुरी दीक्षित को 'सेकेंड दर्जे का कलाकार' कहे जाने पर भी गहलोत ने प्रतिक्रिया दी और सभी कलाकारों को समान सम्मान देने की बात कही।
गहलोत ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि आईफा अवॉर्ड्स का आयोजन राजस्थान में किया गया, लेकिन इस कार्यक्रम से राज्य के लोगों को कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या इस कार्यक्रम से राजस्थान के पर्यटन या कला क्षेत्र में कोई महत्वपूर्ण योगदान हुआ है। उनका मानना है कि बड़े आयोजनों का महत्व तभी बढ़ता है जब वे स्थानीय लोगों और राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाएं, न कि केवल ग्लैमर की वजह से हो।
इसके अलावा, गहलोत ने राज्य सरकार की बजट घोषणाओं पर भी असंतोष व्यक्त किया। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने बजट में आम जनता के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं और जो घोषणाएं की गई हैं, वे केवल दिखावे तक सीमित हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य के विकास और लोगों की भलाई के लिए जरूरी योजनाएं और घोषणाएं नजरअंदाज की गई हैं।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष द्वारा बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित को 'सेकेंड दर्जे का कलाकार' कहने पर गहलोत ने कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि कलाकारों को किसी भी रूप में दर्जे में बांटना गलत है। गहलोत का कहना था कि हर कलाकार की अपनी अहमियत होती है और उनके योगदान को किसी भी रूप में घटित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने नेताओं से अपील की कि वे समाज के विभिन्न वर्गों, विशेष रूप से कलाकारों और संस्कृति को उचित सम्मान दें, ताकि समाज में समानता और आपसी सम्मान का वातावरण बने।
गहलोत ने इस पूरे मामले में कहा कि 'हमारे देश में कला और संस्कृति का बहुत महत्व है, और कलाकारों का सम्मान सभी को करना चाहिए। कोई भी कलाकार चाहे वह छोटे या बड़े पर्दे का हो, सभी का योगदान बराबरी का है। इसलिए किसी भी कलाकार को कमतर या सेकेंड दर्जे का कहना पूरी तरह से अनुचित है।'
इस बयान के बाद, राजनीतिक गलियारों में गहलोत की टिप्पणी पर चर्चा तेज हो गई है। उनके इस तंज ने राजस्थान की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है, जिसमें सत्ता और विपक्ष के बीच कलाकारों के सम्मान को लेकर तर्क-वितर्क हो रहे हैं।