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सीमेंट प्लांट पर एनजीटी आदेशों की उड रही धज्जियां, मेधा पाटकर के समर्थन से तेज हुआ आंदोलन

सीमेंट प्लांट पर एनजीटी आदेशों की उड रही धज्जियां, मेधा पाटकर के समर्थन से तेज हुआ आंदोलन
 
सीमेंट प्लांट पर एनजीटी आदेशों की उड रही धज्जियां, मेधा पाटकर के समर्थन से तेज हुआ आंदोलन

जिले के मोहनपुरा गांव में स्थित एक सीमेंट प्लांट द्वारा NGT के आदेशों की कथित अवहेलना का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जोधपुर संघर्ष समिति के बैनर तले ग्रामीण लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, मशहूर पर्यावरणविद मेधा पाटकर के कोटपूतली पहुंचने पर आंदोलन को नई ऊर्जा मिली। पाटकर ने विरोध स्थल पर ग्रामीणों से बातचीत की और फिर कलेक्टर ऑफिस जाकर जिला प्रशासन और कंपनी मैनेजमेंट से सीधे बातचीत की।

कलेक्टर ऑफिस में कलेक्टर प्रियंका गोस्वामी और सीमेंट कंपनी मैनेजमेंट अधिकारियों के साथ करीब दो घंटे चली मीटिंग में मेधा पाटकर ने 3 नवंबर को पास हुए NGT के आदेश का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से प्रभावित ग्रामीणों को मुआवजा देने के साफ निर्देश हैं, लेकिन ज्यादातर पीड़ितों को अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। पाटकर ने कहा कि प्लांट ने आसपास के 627 ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है। NGT के आदेश के अनुसार, प्रदूषण से प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाना था, जिसमें जिनके घर प्रभावित हुए थे उन्हें ₹20,000 और जिनके स्वास्थ्य पर असर पड़ा था उन्हें ₹50,000 शामिल थे। मीटिंग में NGT के उस आदेश का मुद्दा भी उठाया गया, जिसमें कहा गया था कि प्लांट के 500 मीटर के दायरे में कोई रिहायशी इलाका, स्कूल, मंदिर या दूसरी पब्लिक जगहें नहीं होनी चाहिए। हालांकि, कंपनी के मैप और डिपार्टमेंट के मैप में साफ अंतर था। गांववालों ने कंपनी के मैप को गुमराह करने वाला बताया। इंस्पेक्शन में ग्रीन बेल्ट बनाने के दावे भी कमजोर पाए गए, जिसमें ज्यादातर प्लांट मुरझाए हुए या खत्म हो चुके पाए गए।

प्रोटेस्ट कोऑर्डिनेटर राधेश्याम शुक्लाबास ने आरोप लगाया कि जैसे-जैसे आंदोलन तेज हुआ, कंपनी ने ऊपरी सफाई शुरू कर दी, सड़कों पर पानी छिड़का और पेड़ों को धोया। उन्होंने रात में माइनिंग और ब्लास्टिंग पर लगी रोक के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। ब्लास्ट और भारी मशीनरी के शोर से गांववालों की नींद और सेहत पर असर पड़ रहा था।

मीटिंग के बाद कलेक्टर प्रियंका गोस्वामी ने NGT के आदेशों का पूरी तरह पालन करने का भरोसा दिया। मीटिंग में सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस देवेंद्र बिश्नोई, ADM ओम प्रकाश सहारण, SDM रामअवतार मीणा, मिनरल्स डिपार्टमेंट के अधिकारी, फैक्ट्री मैनेजमेंट के प्रतिनिधि और प्रदर्शनकारी शामिल हुए। गांववालों ने चेतावनी दी कि अगर आदेशों का सख्ती से पालन नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।