राजस्थान में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात, जयपुर में यातायात व्यवस्था ठप, जनहानि की भी खबर
मध्यप्रदेश के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र के चलते राजस्थान में भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नदियां और नाले ऊफान पर हैं, और बारिश जनित हादसों में लोगों की जान जाने की खबरें भी आ रही हैं। राजधानी जयपुर में सोमवार को हुई 4 इंच तक की बारिश ने सड़कों पर जबरदस्त जल भराव पैदा कर दिया, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया।
सड़कों पर जल भराव और यातायात व्यवस्था का ठप होना
सोमवार को शाम साढ़े पांच बजे से बारिश का दौर शुरू हुआ और यह लगभग तीन घंटे तक जारी रहा। भारी बारिश के चलते जयपुर की सड़कों पर जल भराव हो गया, जिससे वाहनों का आवागमन रुक गया। कई जगहों पर वाहनों के डूबने की घटनाएं सामने आई हैं और यात्री घंटों तक जाम में फंसे रहे। बारिश के कारण सीकर रोड, अजमेर रोड और अन्य प्रमुख मार्गों पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया।
नए ड्रेनेज सिस्टम का फेल होना
सीकर रोड पर करोड़ों रुपये खर्च करके जिस नए ड्रेनेज सिस्टम को लागू करने का दावा किया गया था, वह पूरी तरह से फेल हो गया। भारी बारिश के कारण जल निकासी की व्यवस्था सही से काम नहीं कर पाई, जिससे सड़कों पर जलभराव और गहरे गड्ढे बन गए, जिनमें वाहन फंसे रहे। इस मुद्दे ने प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल उठाए हैं, क्योंकि ड्रेनेज सिस्टम की जांच-पड़ताल के बावजूद वह इतनी बड़ी बारिश के पानी को ठीक से निकालने में सक्षम नहीं था।
बाढ़ जैसे हालात और जनहानि
राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण आसपास के क्षेत्रों में पानी घुसने लगा है, जिससे ग्रामीणों को पलायन करना पड़ा है। बारिश जनित हादसों में अब तक कुछ लोगों के मरने की खबर भी आई है। प्रशासन ने बचाव कार्य तेज कर दिए हैं और प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव दल भेजे गए हैं।
राज्य सरकार ने आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए राहत शिविर लगाए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि वे हालात पर नजर बनाए हुए हैं और स्थिति को जल्द नियंत्रण में लाने के प्रयास कर रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन और बुनियादी ढांचे की चुनौती
राजस्थान में लगातार हो रही बारिश और बाढ़ की घटनाओं ने जलवायु परिवर्तन और बुनियादी ढांचे की मजबूती की आवश्यकता को रेखांकित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मौसमीय घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार को जल निकासी की व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके।
इस कठिन परिस्थिति के बीच राज्य सरकार और प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन यह भी साफ हो गया है कि आने वाले समय में ऐसे मौसमी उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए बेहतर तैयारियां और समुचित बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।
