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पेपर लीक प्रकरणों में नकल गिरोह से जुड़े पांच शिक्षक बर्खास्त, चार पहले से ही पुलिस हिरासत में

पेपर लीक प्रकरणों में नकल गिरोह से जुड़े पांच शिक्षक बर्खास्त, चार पहले से ही पुलिस हिरासत में
 
पेपर लीक प्रकरणों में नकल गिरोह से जुड़े पांच शिक्षक बर्खास्त, चार पहले से ही पुलिस हिरासत में

जालोर प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने पेपर लीक और नकल गिरोह में शामिल पांच शिक्षकों को बर्खास्त कर बड़ी कार्रवाई की है। यह आदेश जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) मुनेश कुमार मीना ने 2 मई को जारी किया। बर्खास्त शिक्षकों में से चार को एसओजी व पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक शिक्षक अभी भी फरार है। सभी आरोपी शिक्षकों पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में फर्जी अभ्यर्थी बैठाने जैसे गंभीर आरोप हैं।

बर्खास्त शिक्षकों में से एक सुनील कुमार बेनीवाल को राजस्थान में ब्लूटूथ के जरिए धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। सुनील की नियुक्ति वर्ष 2012 में राजकीय प्राथमिक विद्यालय में तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर हुई थी। बताणा गोलिया जालोर के विरावन में पदस्थापित थे। उनकी पत्नी ग्राम पंचायत की पूर्व सरपंच थीं, जबकि सुनील स्वयं पंचायत चलाते थे।

वह जूनियर अकाउंटेंट भर्ती परीक्षा 2013 और वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2016 में ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल करने और डमी अभ्यर्थियों के जरिए परीक्षा देने का मुख्य आरोपी था। इस संबंध में राजसमंद, उदयपुर और जोधपुर में मामले दर्ज किये गये हैं। एसओजी ने 25 हजार रुपए के इनामी बदमाश सुनील को 2 जुलाई 2024 को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था। पता चला कि उसने एसआई भर्ती 2021 परीक्षा का हल पेपर अपनी साली राजेश्वरी विश्नोई को पढ़ाया था, जिससे उसका मेरिट में चयन हो गया था।

दूसरा आरोपी गणपतराम वर्ष 2013 में सांचोर के करोला स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त हुआ था। माताजी का जन्म मंदिर में हुआ था। उस समय उनके भाई श्रीराम गोदारा जिला शिक्षा अधिकारी थे, जिससे उन्हें लंबे समय तक सहयोग मिला। भाई को एपीओ करते ही गणपत को गिरफ्तार कर बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। एसओजी जांच में सामने आया कि गणपत ने प्रोफेसर भर्ती परीक्षा 2022 के लिए फर्जी डिग्री पेश की थी, जो मेवाड़ यूनिवर्सिटी की जांच में फर्जी पाई गई। उन्हें 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया गया।

तीसरे बर्खास्त शिक्षक राजीव विश्नोई, रा.उ.प्र.प्रा.वि. पालदी देवदान में काम करता था और पेपर लीक गिरोह का सक्रिय सदस्य भी था। वर्ष 2022 में आयोजित द्वितीय श्रेणी भर्ती परीक्षा से पहले उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर हिंदी और सामान्य ज्ञान के हल प्रश्नपत्र तैयार कर बस में 42 अभ्यर्थियों को पढ़ाए। राजीव के खिलाफ सांगानेर थाने में मामला दर्ज किया गया है। वह जेईएन भर्ती 2020 और एसआई भर्ती मामलों में भी वांछित था। उन्हें 11 जुलाई 2024 को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

चौथे आरोपी शिक्षक अरविंद विश्नोई की नियुक्ति 28 अगस्त 2023 को हुई थी और उसने 30 सितंबर को कार्यभार ग्रहण किया था। जांच में सामने आया कि 25 फरवरी 2023 को आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 में उसने अपने स्थान पर डमी अभ्यर्थी को परीक्षा में बैठाया था। धोखाधड़ी का पता चलते ही उसे नौकरी से निकाल दिया गया।

दूसरे शिक्षक दलपत सिंह की नियुक्ति 20 जुलाई 2019 को चांदाजी का धोरा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, वाड़ा भाड़वी में हुई थी। 2012 की उस भर्ती परीक्षा में उन्होंने अपनी बहन कमला के स्थान पर एक डमी उम्मीदवार खड़ा किया था। इस मामले में सांगानेर थाने में मामला दर्ज हुआ और एसओजी ने उसे 6 अप्रैल को गिरफ्तार किया। उसने परीक्षा के बाद बीएमओयू की डिग्री भी हासिल कर ली, जो नियमों के खिलाफ थी। गिरफ्तारी के बारे में विभाग को सूचित न करने तथा संतोषजनक जवाब न देने के कारण उन्हें नोटिस देकर बर्खास्त भी कर दिया गया।