गौरव टावर से युवक के अपहरण मामले में पांच आरोपी गिरफ्तार, फर्जी सुरक्षा एजेंसी आईडी मिलने से बढ़ी साजिश की आशंका

राजधानी जयपुर के जवाहर सर्कल थाना क्षेत्र स्थित गौरव टावर से युवक के अपहरण मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस अपहरण कांड में चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब पुलिस को आरोपियों के पास देश की एक बड़ी सुरक्षा एजेंसी के पहचान पत्र बरामद हुए।
अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि ये पहचान पत्र असली हैं या फर्जी। जवाहर सर्कल थाना पुलिस ने संबंधित सुरक्षा एजेंसी को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है कि ये आरोपी वाकई में उनके कर्मचारी हैं या उन्होंने फर्जी पहचान पत्र तैयार किए हैं।
क्या है मामला?
सूत्रों के अनुसार, गौरव टावर क्षेत्र में एक युवक का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया गया था, जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी जांच के आधार पर पांच लोगों को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद यह खुलासा हुआ कि घटना में प्रयुक्त वाहन और आरोपियों की गतिविधियां पहले से सुनियोजित थीं।
फर्जी आईडी से बड़ा अपराध नेटवर्क?
पुलिस को जिन पांच आरोपियों के पास से पहचान पत्र मिले हैं, वे देश की एक प्रतिष्ठित सुरक्षा एजेंसी के प्रतीत हो रहे हैं। यदि ये पहचान पत्र फर्जी साबित होते हैं, तो यह मामला एक बड़े फर्जीवाड़े और संगठित अपराध की ओर इशारा करेगा।
जांच अधिकारी का कहना है, "हमने एजेंसी को पत्र भेजकर पुष्टि मांगी है। अगर यह पता चलता है कि ये फर्जी आईडी हैं, तो आरोपियों पर फर्जी दस्तावेज बनाने और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी धाराएं भी लगाई जा सकती हैं।"
पुलिस जांच जारी, अन्य गिरफ्तारियों की संभावना
फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह भी जानने की कोशिश की जा रही है कि अपहरण का मकसद क्या था, और क्या इसके पीछे कोई बड़ी आपराधिक साजिश तो नहीं थी।
वहीं, पुलिस ने यह भी संकेत दिए हैं कि मामले में और भी लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। साथ ही तकनीकी और फॉरेंसिक जांच के जरिए यह जानने की कोशिश की जा रही है कि पहचान पत्र कब, कहां और कैसे बनाए गए।
जनता से अपील
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति सुरक्षा एजेंसी की आईडी के साथ दिखाई दे और उसकी गतिविधियां संदेहास्पद हों, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
यह मामला जयपुर में बढ़ते संगठित अपराधों और फर्जी पहचान के जरिए होने वाले अपराधों की ओर संकेत करता है, जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों को अब और सतर्क होने की जरूरत है।