सफल ट्रायल के बाद फास्टैग बनेगा मल्टीपर्पस, एक्सक्लुसीव फुटेज में जानें अब पार्किंग और पेट्रोल भुगतान भी होगा संभव
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) फास्टैग को अब सिर्फ टोल टैक्स भुगतान तक सीमित नहीं रखना चाहता। मंत्रालय फास्टैग को मल्टीपर्पस डिजिटल पेमेंट सिस्टम के रूप में विकसित करने की तैयारी में है। इस नई व्यवस्था के तहत आने वाले समय में वाहन चालक पार्किंग शुल्क, पेट्रोल-डीजल और अन्य सड़क किनारे मिलने वाली सुविधाओं का भुगतान भी फास्टैग के जरिए कर सकेंगे।
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, इस योजना को लेकर पिछले छह महीनों से ट्रायल चल रहा था, जो अब सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। ट्रायल की सफलता के बाद सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से देशभर में लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसका मुख्य उद्देश्य फास्टैग के उपयोग को व्यापक बनाना और यात्रियों को एक सिंगल डिजिटल पेमेंट समाधान उपलब्ध कराना है।
टोल से आगे बढ़ेगा फास्टैग का दायरा
फिलहाल फास्टैग का इस्तेमाल केवल राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर टोल टैक्स भुगतान के लिए किया जाता है। नई योजना के तहत इसे डिजिटल वॉलेट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। यानी जिस तरह लोग यूपीआई या वॉलेट से भुगतान करते हैं, उसी तरह फास्टैग से भी विभिन्न सेवाओं का भुगतान संभव होगा।
अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में हाईवे पर स्थित पार्किंग एरिया, फ्यूल स्टेशन, फूड प्लाजा और अन्य सुविधाओं पर फास्टैग से सीधे भुगतान किया जा सकेगा। इससे यात्रियों को कैश या अलग-अलग पेमेंट ऐप्स की जरूरत नहीं पड़ेगी।
डिजिटल फ्रॉड पर लगेगी लगाम
मंत्रालय का मानना है कि इस कदम से डिजिटल फ्रॉड की आशंका भी कम होगी। अधिकारी ने कहा कि फास्टैग में सीमित बैलेंस रखा जाता है, जिससे अगर किसी प्रकार की धोखाधड़ी होती भी है तो यूजर को बड़ा आर्थिक नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा, फास्टैग बैंक-लिंक्ड होने के कारण इसकी निगरानी और ट्रैकिंग भी आसान होती है।
यात्रियों को मिलेगा बड़ा फायदा
मल्टीपर्पस फास्टैग से यात्रियों को कई फायदे मिलेंगे। लंबी दूरी की यात्रा के दौरान उन्हें अलग-अलग जगहों पर भुगतान के लिए बार-बार मोबाइल निकालने या नकदी रखने की जरूरत नहीं होगी। एक ही फास्टैग से तेज, सुरक्षित और कैशलेस लेनदेन संभव होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत सरकार के डिजिटल इंडिया और कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। इससे न सिर्फ यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि टोल प्लाजा और हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भीड़ भी कम होगी।
जल्द हो सकता है देशभर में लागू
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय जल्द ही इस योजना को लेकर औपचारिक घोषणा कर सकता है। शुरुआती चरण में इसे चुनिंदा हाईवे और शहरों में लागू किया जाएगा, जिसके बाद पूरे देश में विस्तार किया जाएगा।
