मुजफ्फरनगर में किसान नेता राकेश टिकैत पर हमला, देखे विडियो
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर विवादित बयान देना किसान नेता राकेश टिकैत को भारी पड़ गया है। शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में आयोजित एक जन आक्रोश रैली के दौरान टिकैत को गुस्साई भीड़ के तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध इतना बढ़ गया कि धक्का-मुक्की के बीच उनकी पगड़ी तक गिर गई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
बताया जा रहा है कि रैली में पहले से मौजूद लोगों ने जैसे ही टिकैत को देखा, उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। टिकैत के मंच पर पहुंचते ही कुछ लोगों ने उनसे जवाब-तलबी की कोशिश की, और देखते ही देखते हंगामा और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। समर्थकों ने किसी तरह उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।
इस घटना के पीछे गुस्से की सबसे बड़ी वजह, टिकैत द्वारा पहलगाम आतंकी हमले पर दिया गया विवादास्पद बयान बताया जा रहा है, जिसे जनता ने शहीदों और सुरक्षा बलों का अपमान माना है। सोशल मीडिया पर भी उनके बयान को लेकर जबरदस्त आलोचना हो रही है और लोग देशविरोधी मानसिकता करार देते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
घटना के बाद टिकैत ने क्या कहा?
राकेश टिकैत ने इस पूरी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह विरोध सुनियोजित था और कुछ राजनीतिक तत्वों ने माहौल को बिगाड़ा। उन्होंने दावा किया कि वह देश के खिलाफ कभी कोई बात नहीं कर सकते और उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। हालांकि, उनके इस स्पष्टीकरण से भी गुस्साई भीड़ शांत नहीं हुई है।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
रैली में सुरक्षा इंतजामों की भारी कमी देखी गई। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी के बावजूद पुलिस बल बहुत सीमित था, जिसके कारण विरोध को समय पर नियंत्रित नहीं किया जा सका। स्थानीय प्रशासन पर सुरक्षा में लापरवाही के आरोप लग रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज
विपक्षी दलों और किसान संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि मतभेद लोकतांत्रिक तरीके से व्यक्त किए जाने चाहिए, न कि हिंसा के जरिए। वहीं, कई राजनीतिक नेताओं ने टिकैत से उनके बयान पर सफाई मांगते हुए कहा कि देशहित से ऊपर कोई विचारधारा नहीं हो सकती।
इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि देश के संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाज़ी करते वक्त सार्वजनिक हस्तियों को बेहद सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि जनता का गुस्सा अब सीधे सड़कों पर उतरकर जवाब मांग रहा है।
