5 लाख के रिश्वत केस में बरी हुए पूर्व आईएएस, वायरल वीडियो में देखे ACB ने सनसनीखेज बनाया मामला
5 लाख के रिश्वत केस में बरी हुए पूर्व आईएएस
राजस्थान हाईकोर्ट ने आज पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया को बड़ी राहत देते हुए एसीबी कोर्ट में चल रही रिश्वत के मामले की आपराधिक कार्रवाई को रद्द कर दिया है। जस्टिस गणेशराम मीणा की अदालत ने कहा कि बिना किसी ठोस सबूत के किसी अधिकारी पर जबरन मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
जयपुर न न्यूज़ डेस्क - राजस्थान हाईकोर्ट से पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने एसीबी कोर्ट में चल रही आपराधिक कार्यवाही (रिश्वत मामले) को रद्द कर दिया है। जस्टिस गणेशराम मीना की कोर्ट ने कहा कि- बिना किसी ठोस सबूत के किसी अधिकारी पर जबरन मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अगर ऐसा होता है तो परिवादी जैसे लोग इसका नाजायज फायदा उठाकर लोक सेवकों (सरकारी अधिकारियों) पर दबाव बना सकते हैं। एसीबी जांच में जुटाए गए सबूत याचिकाकर्ता पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। दरअसल, नन्नूमल पहाड़िया को अप्रैल 2022 में रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। निलंबन के दौरान ही वे रिटायर हो गए थे।
क्या है पूरा मामला और कैसे एसीबी ने घेरा?
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- परिवादी इकबाल सिंह ने बताया कि उनकी कंपनी दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस-वे पर काम कर रही थी। अलवर के तत्कालीन कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया उनसे 4 लाख रुपए मासिक और भू प्रबंधन अधिकारी (आरएएस) अशोक सांखला उनसे 50 हजार रुपए मासिक मांगते हैं। साथ ही अब नवंबर 2021 से फरवरी 2022 तक चार महीने की बकाया राशि मासिक मांग रहे हैं। मासिक भुगतान करने का दबाव बना रहे हैं। कोर्ट ने कहा- परिवादी ने 22 अप्रैल 2022 को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी। जबकि याचिकाकर्ता का 13 अप्रैल को ही अलवर कलेक्टर पद से जयपुर तबादला हो गया था। वहीं याचिकाकर्ता को 18 अप्रैल को ही पदमुक्त भी कर दिया गया था। वहीं शिकायत के बाद एसीबी ने जो सत्यापन किया। उसमें भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि याचिकाकर्ता ने रिश्वत मांगी थी। एसीबी ने आरएएस अशोक सांखला के सहयोगी नितिन की स्कूटी से रिश्वत की राशि भी बरामद की थी। अलवर एसीबी ने 5 लाख रुपए की रिश्वत मामले में अलवर के पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया, आरएएस अशोक सांखला और एक दलाल को गिरफ्तार किया था। अलवर एसीबी ने 5 लाख रुपए की रिश्वत मामले में अलवर के पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया, आरएएस अशोक सांखला और एक दलाल को गिरफ्तार किया था।
कोर्ट ने इन बातों को बनाया आधार
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में अभियोजन पक्ष (एसीबी) को इस बात के पुख्ता सबूत पेश करने होते हैं कि किसी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर रिश्वत मांगी या ली है। इस मामले में ऐसा कोई स्पष्ट तथ्य नहीं है कि याचिकाकर्ता ने रिश्वत की कोई स्पष्ट मांग की हो।याचिकाकर्ता के रिश्वत लेने के भी कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। साथ ही याचिकाकर्ता के पास परिवादी का ऐसा कोई लंबित काम भी नहीं था, जिसके लिए वह रिश्वत मांग सके। एसीबी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ ट्रैप की कार्रवाई भी नहीं की। वहीं याचिकाकर्ता के कब्जे से कुछ भी बरामद नहीं हुआ।
रिटायरमेंट से 99 दिन पहले हुए गिरफ्तार
पूर्व आईएएस नन्नूमल पहाड़िया को एसीबी ने रिटायरमेंट से करीब 99 दिन पहले 23 अप्रैल 2022 को गिरफ्तार किया था। सरकार ने उन्हें उसी दिन निलंबित कर दिया था। निलंबन के दौरान पहाड़िया 31 जुलाई 2022 को सेवानिवृत्त हो गए। इस बीच 15 जून 2022 को एसीबी ने नन्नूमल पहाड़िया, अशोक सांखला व अन्य के खिलाफ चालान पेश किया। इसके बाद 29 जून 2022 को नन्नूमल पहाड़िया व अशोक सांखला को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई।
विधानसभा चुनाव में भाजपा से मांगा टिकट
सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व आईएएस नन्नूमल पहाड़िया ने विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट भी मांगा। वे वैरा विधानसभा से पार्टी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने उनकी जगह पूर्व सांसद बहादुर सिंह कोली को टिकट दे दिया। इसके बाद पहाड़िया ने अक्टूबर में निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। समझाइश के बाद उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा।
