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Jaipur में घट-घट के वासी राम कार्यक्रम में रामचरित मानस के सुनाई प्रसंग

 
Jaipur में घट-घट के वासी राम कार्यक्रम में रामचरित मानस के सुनाई प्रसंग
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर राम से भी बढ़कर राम का नाम है। असंख्य संत-महात्माओं ने राम नाम जपते-जपते मोक्ष पा लिया। राम भक्त हनुमान, लक्ष्मण और सुग्रीव से लेकर कबीर, तुलसी और गांधीजी तक सभी राम नाम जपते रहे। रावण ने भी अंत समय में राम का नाम लेकर लोक-परलोक सुधारा।’ धर्म फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से रविवार को जेएलएन मार्ग स्थित महाराणा प्रताप सभागार में हुए ‘घट-घट के वासी राम -राम से प्रभु श्रीराम तक की ज्ञान यात्रा- राम कथा’ कार्यक्रम में यह प्रेरणादायी प्रवचन कथाकार पंकज ओझा ने दिए। ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधीर जैन गोधा और आयोजन समिति के मुख्य समन्वयक गब्बर कटारा ने बताया कि ओझा ने भगवान राम के पृथ्वी पर अवतरित होने व अनेक देशों में राम कथा आदि की जानकारी दी। भगवान राम के साधारण मनुष्य से लोकनायक और जन-जन के आराध्य प्रभु श्रीराम बनने तक की यात्रा के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला। साथ ही रामचरित मानस के कई प्रसंगों से जीवन में सफलता के सूत्र भी बताए। संगीतमय कथा के दौरान भजनों और चौपाइयों की मधुर स्वर लहरियों ने रामभक्तों को श्रद्धा से सराबोर कर दिया।

श्रवण कुमार की कथा सुन श्रोता भावविभोर

ओझा ने अहिल्या उद्धार के पीछे का रहस्य बताया। ताड़का वध, कैकयी के वरदान मांगने, स्वयंवर में रावण द्वारा धनुष नहीं उठाने और भगवान राम द्वारा सहजता से धनुष उठा लेने के पीछे छिपे रहस्य व स्वयंवर के समय राजा जनक की ओर से राजा दशरथ को न्योता नहीं भेजने के पीछे का कारण भी बताया। राम की शक्ति पूजा सहित अन्य प्रसंगों पर भी प्रकाश डाला। राजा दशरथ और श्रवण कुमार की कथा सुन श्रोता भाव-विभोर हो गए। कार्यक्रम में संत महंत, उद्यमी, व्यापारी, ज्योतिषी सहित बड़ी संख्या में मातृशक्ति भी मौजूद रही।