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Jaipur सचिवालय को 'भ्रष्टाचार की गंगोत्री' बताने पर कर्मचारी संगठन नाराज, जनप्रतिनिधियों के बयानों पर जताई आपत्ति

 
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जयपुर न्यूज़ डेस्क, सचिवालय के पास डीओआईटी भवन में करोड़ों रुपये की नकदी और एक किलो सोना बरामद होने के बाद इस मामले को लेकर सियासत भी तेज होती जा रही है. सत्ताधारी कांग्रेस और भाजपा के बीच जहां आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, वहीं कर्मचारी संगठनों ने भाजपा नेताओं द्वारा सचिवालय को भ्रष्टाचार की गंगोत्री बताए जाने पर नाराजगी जताई है। कर्मचारी संगठनों राजस्थान सचिवालय फोरम का कहना है कि सोशल मीडिया पर जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गए बयानों से सचिवालय की गरिमा को ठेस पहुंची है और इसकी छवि धूमिल हुई है, जिससे सभी कर्मचारियों और अधिकारियों में नाराजगी है.

राजस्थान सचिवालय मंच के अध्यक्ष के.के. स्वामी ने कहा कि कर्मचारियों और अधिकारियों से जुड़े हमारे पांच संगठनों ने जनप्रतिनिधियों के बयान पर आपत्ति जताई है. फोरम का कहना है कि शासन सचिवालय निर्विवाद रूप से जनहित में राज्य की रीति-नीतियों का निर्माण करता रहा है, यहां पदस्थापित कर्मी बिना किसी राजनीतिक द्वेष और पक्षपात के कार्य करते हैं. जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने सचिवालय के लिए जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया है वह ठीक नहीं है।

फोरम ने अपने बयान में कहा कि सभी कर्मचारी संघ कभी भी किसी भ्रष्ट व्यक्ति को संरक्षण नहीं देते हैं, जिस व्यक्ति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है वह सचिवालय में कार्यरत भी नहीं है, इसलिए इस पूरी घटना को सचिवालय से जोड़ना ठीक नहीं है. फोरम ने नाराजगी जताते हुए जनप्रतिनिधियों को चेतावनी भी दी है कि इस तरह के बयानों की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए, अगर इस तरह के बयान दिए गए तो कर्मचारी संगठनों को आंदोलन का रास्ता अपनाना होगा.

राठौड़- शेखावत के ट्वीट पर आपत्ति
दरअसल, डीओआईटी में करोड़ों रुपये नकद और 1 किलो सोना मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर इसे 'भ्रष्ट शासन सचिवालय' बताया था, वहीं नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने भी ट्वीट कर कहा था कि 'भ्रष्टाचार की गंगोत्री' निकलती है. शासन सचिवालय से। है।