सीतापुरा परीक्षा केंद्र पर रेलवे ग्रुप-डी परीक्षा में डमी अभ्यर्थी पकड़ा गया, बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा
सीतापुरा स्थित एक परीक्षा केंद्र पर आयोजित रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ग्रुप-डी परीक्षा के दौरान एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा होने से प्रशासन और अभ्यर्थियों में हड़कंप मच गया। परीक्षा के दौरान बायोमैट्रिक सत्यापन में अभ्यर्थी का चेहरा आवेदन पत्र में दर्ज फोटो से मेल नहीं खाने पर डमी अभ्यर्थी के पकड़े जाने की घटना सामने आई। सतर्क परीक्षा अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संदिग्ध को हिरासत में लिया और पुलिस को सूचना दी।
जानकारी के अनुसार, रेलवे भर्ती बोर्ड की ग्रुप-डी परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से चल रही थी। इसी दौरान बायोमैट्रिक जांच के समय एक अभ्यर्थी की पहचान को लेकर सिस्टम ने अलर्ट दिया। जब उसकी फेशियल रिकॉग्निशन जांच की गई तो वह मूल अभ्यर्थी से मेल नहीं खा रहा था। इस पर केंद्र अधीक्षक और सुरक्षा कर्मियों ने अभ्यर्थी से सख्ती से पूछताछ की, जिसमें वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
पूछताछ में सामने आया कि परीक्षा देने आया युवक असली अभ्यर्थी नहीं, बल्कि उसकी जगह परीक्षा देने पहुंचा डमी कैंडिडेट था। मामले की गंभीरता को देखते हुए परीक्षा केंद्र प्रशासन ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और डमी अभ्यर्थी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। जांच के दौरान उसके एक सहयोगी को भी पकड़ा गया, जो पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थियों के जरिए लोगों को पास कराने का गोरखधंधा चला रहे थे। इसके बदले मोटी रकम वसूली जाती थी। आरोपी असली अभ्यर्थियों से एडमिट कार्ड, पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज लेकर उनकी जगह परीक्षा देने के लिए प्रशिक्षित युवकों को भेजते थे।
पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि इस गिरोह से और कितने लोग जुड़े हुए हैं और क्या इससे पहले भी इसी तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया है।
इस घटना के बाद रेलवे भर्ती बोर्ड और जिला प्रशासन ने परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा और कड़ी करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि बायोमैट्रिक और फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक के कारण ही इस फर्जीवाड़े का समय रहते खुलासा हो सका। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
घटना के सामने आने के बाद ईमानदारी से परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है और प्रशासन की सतर्कता की सराहना की है। पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता बनी रहे।
