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दुबई-जॉर्जिया से साइबर ठगों ने राजस्थान के 450 खातों से उड़ाए 160 करोड़, बैंककर्मी के साथ मिलकर हुआ सारा खेल

दुबई-जॉर्जिया से साइबर ठगों ने राजस्थान के 450 खातों से उड़ाए 160 करोड़, बैंककर्मी के साथ मिलकर हुआ सारा खेल
 
दुबई-जॉर्जिया से साइबर ठगों ने राजस्थान के 450 खातों से उड़ाए 160 करोड़, बैंककर्मी के साथ मिलकर हुआ सारा खेल

दुबई और जॉर्जिया में बैठे साइबर जालसाजों ने ₹160 करोड़ की ठगी की। यह कार्रवाई डूंगरपुर पुलिस की DST, साइबर पुलिस स्टेशन और साइबर सेल टीम ने ऑपरेशन साइबर हंट के तहत की। शादी में मेहमान बनकर आए पुलिस कर्मियों ने दो कुख्यात साइबर जालसाजों को पकड़ा। दोनों गुजरात में पकड़े गए। जालसाज पिछले एक साल से फरार थे और विदेश जाने की फिराक में थे। उन्होंने विदेश में बैठे साइबर जालसाजों को 450 अकाउंट किराए पर दे रखे थे। पता चला कि आरोपी कौशल कुम्हार गुजरात में एक शादी में शामिल होने आया है। साइबर सेल की एक स्पेशल टीम गुजरात भेजी गई। कौशल गुजरात के दाहोद के लिमडी में एक दोस्त की शादी में शामिल होने आया था। बारात में शेरवानी, पगड़ी और साफा पहनकर पांच पुलिसकर्मी पहुंचे।

शादी में पुलिस को देखकर आरोपी हैरान रह गया।

एसपी मनीष कुमार ने बताया कि पुलिस ने कौशल कुम्हार को शादी में देखकर पकड़ लिया। पुलिस को देखकर कौशल और बारात में शामिल लोग हैरान रह गए। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने अपने साथी सागवाड़ा निवासी इलेश पटेल उर्फ ​​नीलेश कलाल के बारे में जानकारी दी। बाद में पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए शादी में आए मेहमानों की तलाशी ली।

पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए शादी में आए मेहमानों की तलाशी ली।

विदेश में रहने वाले चार जालसाजों को किराए पर दिए गए थे अकाउंट
यह पूरी स्कीम बहुत चालाकी से चलाई जा रही थी। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने ये बैंक अकाउंट दुबई में रहने वाले अपने साथियों घनश्याम, वरुण और उपेंद्र को दे रखे थे। उसने दुबई से देशभर के लोगों से ₹160 करोड़ से ज़्यादा की ठगी की थी, और उसका एक साथी जॉर्जिया में भी है। बैंक कर्मचारी कौशल इस साज़िश का मास्टरमाइंड था।

कौशल कुम्हार डूंगरपुर के एक प्राइवेट बैंक में काम करता था। उसने पब्लिक जगहों, कॉलेजों के सामने और सड़क किनारे छाते बनाकर बैंक अकाउंट खोले थे। इलेश पटेल उर्फ ​​नीलेश कलाल बैंक अकाउंट खोलने का भी काम करता था। लोगों को ठगकर उसने 450 से ज़्यादा नकली बैंक अकाउंट खोले। वह गरीब, मजदूर और स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स को अलग-अलग सरकारी स्कीम, पैन कार्ड, स्कॉलरशिप का फायदा दिलाने का वादा करके उनके डॉक्यूमेंट्स ले लेता था।

बैंक एम्प्लॉई होने का फायदा उठाकर वह उनके अकाउंट की चेक बुक और ATM कार्ड भी अपने पास रखता था। इन अकाउंट्स से नकली ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किए जाते थे। साइबर फ्रॉड करने वाले शेयर मार्केट, ट्रेडिंग, क्रिप्टो करेंसी, बेटिंग ऐप्स (ऑनलाइन गैंबलिंग बेटिंग) जैसे ऐप्स के ज़रिए ऑनलाइन अकाउंट्स का इस्तेमाल करके फ्रॉड कर रहे हैं।