राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम में बड़ा घफला, ड्रग कंट्रोल विभाग की कार्रवाई का फुटेज हो रहा तेजी से वायरल
राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) के तहत दवाइयों में गड़बड़ी और फर्जी बिलिंग के मामलों में ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने सख्त कदम उठाए हैं। विभाग ने राज्यभर में छापेमारी कर 60 से अधिक मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ कार्रवाई की है।
इस दौरान 30 दुकानों के लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया, जबकि 33 दुकानों के लाइसेंस को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया है। ये कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही RGHS योजना में धोखाधड़ी, फर्जी बिलिंग और बिना बिल के दवा वितरण जैसे मामलों की जांच के बाद की गई है।
फर्जी बिलिंग के मामले सबसे ज्यादा
ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई में सामने आए अधिकतर मामलों में फर्जी बिलिंग की शिकायतें थीं। कई दुकानों ने सरकारी योजना के तहत मरीजों को दी गई दवाओं की कृत्रिम रूप से बढ़ी हुई कीमतों पर बिलिंग की, जबकि कुछ मामलों में दवाइयाँ वास्तव में वितरित ही नहीं की गई थीं, लेकिन बिल तैयार कर भुगतान का दावा किया गया।
राज्यभर में चला विशेष अभियान
विभाग ने यह अभियान राज्य के विभिन्न जिलों में एक साथ चलाया, जिसमें जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर और बीकानेर जैसे बड़े शहर भी शामिल थे। जांच के दौरान जिन दुकानों की गतिविधियों में अनियमितताएं पाई गईं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की गई।
RGHS की साख पर संकट
गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके आश्रितों को मुफ्त या सब्सिडी पर इलाज और दवाइयां मिलती हैं। इस योजना में फर्जी बिलिंग और गड़बड़ियों के खुलासे से योजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
राज्य सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसी क्रम में ड्रग कंट्रोल विभाग की यह कार्रवाई सामने आई है।
आगे भी होगी जांच
ड्रग कंट्रोल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह केवल पहली चरण की कार्रवाई है। विभाग आने वाले दिनों में और भी कड़ी निगरानी और जांच अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है। साथ ही उन अस्पतालों और फार्मेसियों को भी चिह्नित किया जा रहा है, जो मिलीभगत कर योजना का दुरुपयोग कर रहे हैं।
