राजस्थान में SIR के तहत जारी हुई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट, वीडियो में देखें नाम कटने वाले वोटर्स को मिलेगा अंतिम मौका
राजस्थान में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के तहत जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, उनकी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी गई है। इस प्रक्रिया के बाद प्रदेश में चुनावी राजनीति और आम मतदाताओं के बीच हलचल तेज हो गई है। निर्वाचन विभाग के अनुसार, यह कदम मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी, सटीक और अपडेट रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
निर्वाचन आयोग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जिन वोटर्स ने बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को निर्धारित समय सीमा के भीतर आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए, या फिर जिनके पते पर बीएलओ के तीन बार जाने के बावजूद संपर्क नहीं हो सका, उन्हें “एब्सेंट वोटर” की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे मतदाताओं के नाम फिलहाल ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं।
हालांकि, आयोग ने यह भी साफ किया है कि यह अंतिम सूची नहीं है। एब्सेंट वोटर्स को अब नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस मिलने के बाद संबंधित वोटर्स को अपने दस्तावेज जमा कराने का अवसर दिया जाएगा। यदि तय समय सीमा के भीतर दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए जाते हैं और पात्रता साबित हो जाती है, तो उनके नाम दोबारा वोटर लिस्ट में जोड़े जा सकते हैं। वहीं, यदि नोटिस के बावजूद दस्तावेज जमा नहीं किए गए, तो ऐसे लोग मतदाता सूची से बाहर हो जाएंगे और उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं रहेगा।
ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने के बाद कई इलाकों से शिकायतें भी सामने आ रही हैं। कुछ मतदाताओं का कहना है कि वे लंबे समय से उसी पते पर रह रहे हैं, इसके बावजूद उनके नाम सूची से हटा दिए गए हैं। निर्वाचन विभाग का कहना है कि ऐसे मामलों में घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ड्राफ्ट लिस्ट के बाद आपत्तियां और दावे दर्ज कराने की पूरी प्रक्रिया मौजूद है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में जिन नागरिकों के नाम शामिल नहीं हैं, उनके पास अब भी वोटर बने रहने का विकल्प खुला हुआ है। वे निर्धारित फॉर्म के माध्यम से दावा प्रस्तुत कर सकते हैं और अपने पहचान व निवास से जुड़े दस्तावेज जमा करवा सकते हैं। इसके बाद संबंधित मामले की जांच की जाएगी और सही पाए जाने पर नाम को अंतिम वोटर लिस्ट में शामिल कर लिया जाएगा।
निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि SIR का उद्देश्य किसी का नाम मनमाने ढंग से हटाना नहीं है, बल्कि मृत, स्थानांतरित या फर्जी मतदाताओं को सूची से हटाकर वास्तविक और योग्य वोटर्स को शामिल करना है। इससे चुनाव प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष और विश्वसनीय बनेगी।
फिलहाल, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने के बाद राजनीतिक दलों ने भी अपने-अपने स्तर पर समीक्षा शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में आपत्तियों और दावों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अंतिम वोटर लिस्ट प्रकाशित की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे समय रहते अपनी स्थिति की जांच करें और जरूरी दस्तावेज जमा कर अपने मतदान अधिकार को सुरक्षित रखें।
