राजस्थान में विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी, वीडियो में जानें 41.85 लाख मतदाताओं के नाम कटे
राजस्थान में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत बड़ी कार्रवाई सामने आई है। निर्वाचन विभाग ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें कुल 41 लाख 85 हजार मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। यह सूची अब निर्वाचन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध करा दी गई है। इस कदम का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी, सटीक और अद्यतन बनाना बताया जा रहा है।
निर्वाचन विभाग द्वारा जारी ड्राफ्ट लिस्ट के साथ अलग-अलग श्रेणियों में मतदाताओं की सूची भी जारी की गई है। इनमें एब्सेंट वोटर्स (लंबे समय से अनुपस्थित), शिफ्टेड वोटर्स (स्थायी रूप से स्थानांतरित), डेड वोटर्स (मृत मतदाता) और ऑलरेडी एनरोल्ड वोटर्स (डुप्लीकेट नाम) शामिल हैं। विभाग के अनुसार, पुनरीक्षण के दौरान इन श्रेणियों में आने वाले मतदाताओं की पहचान कर उनके नाम ड्राफ्ट लिस्ट से हटाए गए हैं।
राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने इस प्रक्रिया को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जिन मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं, उन्हें अब अलग से कोई नोटिस जारी नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया तय नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुसार की गई है। हालांकि, जिन मतदाताओं को लगता है कि उनका नाम गलत तरीके से हटाया गया है, उन्हें आपत्ति दर्ज कराने का पूरा अवसर दिया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रभावित मतदाता आवश्यक दस्तावेजों के साथ दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। सत्यापन के बाद यदि दावा सही पाया जाता है तो संबंधित मतदाता का नाम अंतिम मतदाता सूची में दोबारा जोड़ा जा सकता है। इसके लिए तय समय-सीमा के भीतर दावा या आपत्ति दर्ज कराना अनिवार्य होगा।
निर्वाचन विभाग के अनुसार, जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, उनमें बड़ी संख्या उन लोगों की है जो स्थायी रूप से दूसरे स्थान पर शिफ्ट हो चुके हैं या जिनका निधन हो चुका है। इसके अलावा, ऐसे मतदाता भी शामिल हैं जो लंबे समय से अपने पते पर नहीं मिले और जिनके नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज पाए गए।
ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने के बाद राजनीतिक दलों और आम नागरिकों की नजरें अब इस पर टिकी हुई हैं। विपक्षी दलों ने यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम गलती से न हटे। वहीं, निर्वाचन विभाग का कहना है कि यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने और चुनावों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जरूरी है।
फिलहाल, निर्वाचन विभाग ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे वेबसाइट पर जाकर अपना नाम जांच लें और यदि किसी तरह की त्रुटि हो तो समय रहते दावा या आपत्ति दर्ज कराएं, ताकि अंतिम मतदाता सूची में किसी योग्य मतदाता का नाम छूट न जाए।
