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एसएमएस हॉस्पिटल में अब डॉक्टर दो टाइम करेंगे विजिट, देखे वीडियो

एसएमएस हॉस्पिटल में अब डॉक्टर दो टाइम करेंगे विजिट, देखे वीडियो
 
एसएमएस हॉस्पिटल में अब डॉक्टर दो टाइम करेंगे विजिट, देखे वीडियो

राजस्थान के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े सभी हॉस्पिटलों में एक अहम बदलाव होने जा रहा है। अब से सीनियर डॉक्टर न केवल सुबह के समय, बल्कि शाम को भी वार्डों का दौरा करेंगे। इस निर्णय से मरीजों को खासा लाभ मिलने की उम्मीद है, खासकर उन मरीजों को जो दोपहर के बाद इमरजेंसी में भर्ती होते हैं। अक्सर इन मरीजों को लंबे समय तक डॉक्टरों का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब यह स्थिति बदलने जा रही है।

गौरतलब है कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े सरकारी अस्पतालों में आमतौर पर सीनियर डॉक्टर सुबह के समय ही वार्डों का दौरा करते थे, जिसके बाद मरीजों को दिनभर इंतजार करना पड़ता था। खासकर उन मरीजों को जो दोपहर 2 या 3 बजे के बाद इमरजेंसी में आते थे। ऐसे मरीजों की अक्सर शिकायत रहती थी कि भर्ती होने के बाद 10 घंटे से अधिक का समय बीत जाता था, लेकिन कोई डॉक्टर उन्हें देख नहीं पाता था। इस कारण कई बार मरीजों को मानसिक और शारीरिक तनाव का सामना करना पड़ता था।

अब इस नई व्यवस्था के तहत, डॉक्टरों को यह निर्देश दिया गया है कि वे सुबह के दौरे के बाद शाम को भी वार्डों का निरीक्षण करेंगे और भर्ती मरीजों की स्थिति का आकलन करेंगे। इस फैसले से मरीजों की देखभाल में सुधार होगा और उन्हें तुरंत इलाज मिल सकेगा।

सिस्टम को बेहतर बनाने की दिशा में कदम

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के डीन, डॉ. रामचंद्र यादव ने इस निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "हमने मरीजों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। कई मरीजों का कहना था कि सुबह के बाद सीनियर डॉक्टरों का दौरा नहीं होता और इलाज में देरी हो जाती है। अब से सीनियर डॉक्टर शाम को भी दौरे करेंगे ताकि मरीजों को त्वरित इलाज मिल सके और उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।"

यह कदम अस्पताल प्रशासन की ओर से एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है, जो मरीजों के अनुभव को और बेहतर बनाएगा। अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव बहुत आवश्यक था। विशेषकर इमरजेंसी और गंभीर स्थितियों में भर्ती मरीजों को तुरंत मेडिकल ध्यान की आवश्यकता होती है, और यह नया कदम इस आवश्यकता को पूरा करने में मदद करेगा।

मरीजों को मिलेगा अधिक संतोष

इस नई पहल का सबसे बड़ा फायदा उन मरीजों को होगा, जो इमरजेंसी में भर्ती होने के बाद लंबे समय तक डॉक्टर का इंतजार करते थे। अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या और सीमित डॉक्टरों की संख्या के बावजूद, इस कदम से मरीजों को राहत मिलेगी और वे जल्द से जल्द चिकित्सा सुविधा प्राप्त कर सकेंगे।

अस्पताल प्रशासन ने भी यह सुनिश्चित किया है कि यह व्यवस्था पूरी तरह से लागू हो और कोई भी मरीज बिना देखे न रहे। इसके अलावा, यह कदम अस्पतालों की कार्यप्रणाली को और अधिक सुसंगत और मरीज केंद्रित बनाने में सहायक होगा।