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Diwali 2024 : दिवाली पर क्यों करते हैं शारदा पूजन? वीडियो में जानें महत्व और शुभ मुहूर्त

 
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राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! देशभर में दिवाली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. दिवाली का धार्मिक ही नहीं बल्कि ज्योतिषीय महत्व भी बहुत है। पांच दिवसीय त्योहार धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के साथ समाप्त होता है। दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा का विधान है। वहीं इस दिन लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा के साथ-साथ सरस्वती पूजा का भी महत्वपूर्ण स्थान है। आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से इसके बारे में।

दिवाली पर मां लक्ष्मी और श्री गणेश के साथ माता सरस्वती (मां सरस्वती के मंत्र) की पूजा का भी विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि श्री गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा सरस्वती माता के बिना पूरी नहीं होती है। इसीलिए दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश के साथ सरस्वती माता की स्थापना की जाती है।

ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मी माता धन की देवी हैं और व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार धन प्रदान करती हैं। वहीं श्री गणेश को बुद्धि का देवता माना जाता है जो व्यक्ति को तीव्र और कुशल बुद्धि प्रदान करते हैं। साथ ही, सरस्वती माता ज्ञान और वाणी की देवी हैं जो व्यक्ति को प्रबुद्ध बनाती हैं। ऐसा माना जाता है कि धन के साथ हमेशा बुद्धि और ज्ञान भी मिलना चाहिए। किसी के पास कभी भी सिर्फ पैसा नहीं होना चाहिए। इसका कारण यह है कि धन अने से मति ब्रह्मा भी है।

वहीं बुद्धि और ज्ञान से जब किसी व्यक्ति को धन मिलता है तो वह उस धन का उचित उपयोग लोक कल्याण के लिए करता है और उसे धन का घमंड नहीं होता है। यही कारण है कि दिवाली पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश के साथ सरस्वती की पूजा की जाती है।

अगर आप भी हर साल की तरह इस साल भी दिवाली पर घर में लक्ष्मी गणेश की पूजा करने वाले हैं तो साथ ही माता सरस्वती की भी पूजा करें. साथ ही इस लेख में दी गई जानकारी के अनुसार जानिए दिवाली पर सरस्वती पूजा का महत्व। अगर आपके मन में हमारी कहानियों से जुड़ा कोई सवाल है तो हमें आर्टिकल के नीचे कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आपको सही जानकारी प्रदान करने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये कहानी पसंद आई तो इसे शेयर जरूर करें. ऐसी अन्य कहानियां पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।