ब्याज माफिया के दबाव से परेशान युवक ने जयपुर में बीच सड़क पर जहर खाकर दी जान, फुटेज में जानें सुसाइड नोट में लिखा दोगुना ब्याज दिया
राजधानी जयपुर में सूदखोरों के अत्याचार और लगातार दबाव से परेशान होकर एक युवक ने शनिवार शाम फागी रोड पर आत्महत्या कर ली। युवक ने अपनी बाइक वहीं खड़ी कर जहर खा लिया। घटना माधोराजपुरा बस स्टैंड के पास हुई।
पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान प्रताप नगर, सेक्टर-35 निवासी दाऊद मंसूरी के रूप में हुई। शुरुआती जांच में यह सामने आया कि युवक दो महीने पहले ही अपने मोबाइल में सुसाइड नोट लिख चुका था। सुसाइड नोट में दाऊद ने स्पष्ट लिखा, “मैं दाऊद मंसूरी, पिता अब्दुल रज्जाक मंसूरी, अपने होश-हवास में यह पत्र लिख रहा हूं। मैं कर्ज वालों से परेशान होकर आत्महत्या करने जा रहा हूं।”
परिजनों के अनुसार, दाऊद ने करीब 10 लाख रुपए ब्याज पर लिए थे। इन रकमों का भुगतान करने के बावजूद सूदखोरों ने उसे लगातार ब्याज पर ब्याज लगाकर रकम दोगुनी कर दी। लगातार आर्थिक और मानसिक दबाव से दाऊद परेशान था और इस वजह से उसने यह अंतिम कदम उठाया।
सूत्रों के अनुसार, शनिवार सुबह करीब 8 बजे दाऊद अपने फागी स्थित साइट पर पर्दे लगाने के बहाने घर से निकला था। शाम करीब 5 बजे, वह माधोराजपुरा बस-स्टैंड के पास पहुंचा और बाइक खड़ी कर जहर खा लिया। जहर खाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ी और वह बाइक के पास ही बेहोश होकर गिर गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि दाऊद की यह आत्महत्या इलाके में चर्चा का विषय बन गई। लोगों का कहना है कि सूदखोरों की बढ़ती करतूतें आम नागरिकों के लिए खतरा बन गई हैं। पुलिस ने मृतक के मोबाइल और सुसाइड नोट के आधार पर जांच शुरू कर दी है और परिजनों से भी पूछताछ कर रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सूदखोरी और ब्याज पर ब्याज लगाने की प्रवृत्ति समाज में गंभीर आर्थिक और मानसिक समस्याओं को जन्म दे रही है। ऐसे मामलों में न केवल आर्थिक दबाव, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। यह घटना युवाओं में कर्ज और दबाव के कारण होने वाली आत्महत्या का एक उदाहरण है।
पुलिस ने बताया कि मृतक के परिवार को आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी और सूदखोरों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, प्रशासन ने चेतावनी दी है कि ऐसे मामलों में नागरिकों को पुलिस और संबंधित संस्थानों से तत्काल मदद लेनी चाहिए।
दाऊद मंसूरी की आत्महत्या ने यह संदेश दिया कि सूदखोरी केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक और मानसिक स्तर पर भी गंभीर परिणाम पैदा कर सकती है। यह घटना समाज के लिए चेतावनी के रूप में सामने आई है कि ऐसे दबाव से पीड़ित लोगों को सुरक्षित और कानूनी मार्ग से सहायता मिलनी चाहिए।
