जिला एवं सेशन न्यायाधीश दिनेश गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर रद्द कराने की याचिका दाखिल की
राजस्थान के वरिष्ठ न्यायाधीश दिनेश गुप्ता, जो रिटायरमेंट से मात्र 10 महीने पहले हैं, बार-बार हो रहे ट्रांसफर से परेशान होकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर अपने हालिया ट्रांसफर आदेश को रद्द करने की गुहार लगाई।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची और अन्य न्यायाधीश शामिल थे, ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए ट्रांसफर और न्यायाधीश की सुरक्षा और कार्य स्थिति पर सवाल उठाए।
सूत्रों के मुताबिक, दिनेश गुप्ता ने याचिका में कहा है कि उन्हें लगातार ट्रांसफर किया जा रहा है, जिससे उनके कार्य और मानसिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। उन्होंने न्यायपालिका में अपनी सेवा के अंतिम महीनों में स्थिरता की मांग की है, ताकि वे अपने कार्य का निष्पक्ष और प्रभावी ढंग से संचालन कर सकें।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान सरकार से जवाब तलब किया। अदालत ने कहा कि न्यायाधीशों के ट्रांसफर में पारदर्शिता और उचित कारण होना आवश्यक है, और किसी भी अधिकारी के अंतिम कार्यकाल में बार-बार ट्रांसफर करने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला न्यायिक प्रशासन में स्थिरता और न्यायाधीशों की कार्य सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे को सामने लाता है। यह पहली बार नहीं है जब वरिष्ठ न्यायाधीश अपने ट्रांसफर को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, लेकिन दिनेश गुप्ता का मामला विशेष इसलिए है क्योंकि वह रिटायरमेंट से कुछ ही महीने पहले है और लगातार ट्रांसफर से मानसिक दबाव में थे।
अगली सुनवाई में अदालत राजस्थान सरकार से विस्तृत जवाब मांग सकती है और ट्रांसफर रद्द करने या इसके नियमों में संशोधन करने पर फैसला कर सकती है। मामले की संवेदनशीलता के कारण सुप्रीम कोर्ट ने इसे प्राथमिकता पर रखा है।
