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डिप्टी जेलर भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप, प्रश्नपत्र लीक की आशंका से छह अभ्यर्थियों ने किया परीक्षा से इनकार

डिप्टी जेलर भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप, प्रश्नपत्र लीक की आशंका से छह अभ्यर्थियों ने किया परीक्षा से इनकार
 
डिप्टी जेलर भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप, प्रश्नपत्र लीक की आशंका से छह अभ्यर्थियों ने किया परीक्षा से इनकार

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा रविवार को आयोजित डिप्टी जेलर भर्ती परीक्षा की दूसरी पाली में एक गंभीर मामला सामने आया है। कोटा शहर के सदर कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र लीक की आशंका जताते हुए विरोध दर्ज कराया है। इस घटना से परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं और आरपीएससी की कार्यप्रणाली एक बार फिर कटघरे में आ गई है।

अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा शुरू होने से पहले ही उन्हें प्रश्नपत्र का लिफाफा खुला हुआ मिला, जिससे उन्हें शक हुआ कि पेपर पहले ही किसी के द्वारा देखा जा चुका है। इस बात से नाराज होकर छह अभ्यर्थियों ने परीक्षा देने से इनकार कर दिया और परीक्षा केंद्र प्रभारी से लेकर आरपीएससी तक अपनी शिकायत दर्ज करवाई।

परेशान अभ्यर्थियों ने कहा कि जब वे परीक्षा कक्ष में पहुंचे तो देखा कि प्रश्नपत्र के लिफाफे की सील टूटी हुई थी। इस पर उन्होंने तुरंत केंद्र के अधिकारियों को सूचित किया और परीक्षा रद्द करने की मांग की। लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने परीक्षा में भाग न लेने का फैसला किया।

इसके बाद अभ्यर्थी सदर कोतवाली थाने पहुंचे और पूरे मामले की लिखित शिकायत दी। उन्होंने आरपीएससी को भी मामले से अवगत कराते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

पुलिस का कहना है कि शिकायत दर्ज कर ली गई है और जांच की जा रही है कि प्रश्नपत्र का लिफाफा पहले से खुला कैसे मिला। वहीं, आरपीएससी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। आयोग पर यह जिम्मेदारी बनती है कि वह मामले की गंभीरता को देखते हुए पारदर्शी जांच करे और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई सुनिश्चित करे।

यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब राजस्थान में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर पहले से ही विवाद और संवेदनशीलता का माहौल है। हाल के वर्षों में पेपर लीक और गड़बड़ियों की घटनाओं ने अभ्यर्थियों के भरोसे को बुरी तरह प्रभावित किया है। ऐसे में इस मामले को हल्के में लेना न केवल अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा बल्कि भविष्य की परीक्षाओं की साख पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करेगा।

अब सभी की निगाहें आरपीएससी और पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हैं, कि वे इस गंभीर आरोप पर क्या कदम उठाते हैं और क्या परीक्षा को दोबारा आयोजित करने की घोषणा की जाती है या नहीं। प्रतियोगी छात्र संगठनों ने भी इस मामले को लेकर विरोध दर्ज कराने की चेतावनी दी है।