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Jaipur शहर के अस्पतालों में तेजी से बढ़ रहे डेंगू के मरीज, चिंताजनक आंकड़े

 
Jaipur शहर के अस्पतालों में तेजी से बढ़ रहे डेंगू के मरीज, चिंताजनक आंकड़े
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर  राज्य सरकार हर वर्ष जनवरी से ही मच्छर पर नियंत्रण के लिए एक्शन प्लान, मीटिंग, एंटीलार्वा गतिविधियों की योजना बनाना शुरू कर देती है। लेकिन हर वर्ष मौसमी बीमारियों का पीक सीजन सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में मच्छर जनित बीमारियां डेंगू और मलेरिया हजारों मरीजों को अपना शिकार बना लेती हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 144 वर्ष पहले वर्ष 1880 में मलेरिया पर पहला अध्ययन किया गया, लेकिन आज वर्ष 2024 तक हम इस पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं पा सके हैं। आमजन हर वर्ष प्रदेश में मच्छर से बचाव के उपायों पर करीब 250 करोड़ रुपए खर्च कर देता है। इसके अलावा सरकारी बजट अलग से खर्च होता है। बरसात का दौर थमने के साथ ही प्रदेश की लैब्स पर मच्छर जनित बीमारियों का भार बढ़ता जाता है।

इस बार करीब-करीब सभी जिलों में सामान्य से काफी अधिक बरसात और उससे सड़कों पर हुए गहरे गड्ढों के कारण मौसमी बीमारियों और वायरल बुखार का इस समय पीक सीजन चल रहा है। सरकारी आंकड़ों में डेंगू के मरीजों की संया 4 हजार पार कर चुकी है। हालांकि डेंगू के प्री लक्षणों के मरीजों की संया इससे कई गुना अधिक है। प्रदेश भर में प्लेटलेट की कमी के शिकार मरीजों की संया भी हजारों में हैं। प्रदेश में डेंगू के लक्षणों सहित गैर सरकारी आंकड़ों को मानें तो करीब 10 हजार मरीज इसके शिकार हो चुके हैं।

अब पूरे साल किसी न किसी रूप में मच्छर मौजूद

सरकारी दावों के मुताबिक राज्य में अब मलेरिया नियंत्रण में है, लेकिन सच्चाई यह है कि हर साल मलेरिया के मरीज अब भी मिल रहे हैं। गत वर्षों में इनमें भी नया ट्रेंड देखा जा रहा है। डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टायफस आदि बीमारियां वर्ष के शुरुआत से अंत तक देखने को मिल रही हैं। जबकि इन्हें बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियां माना जाता था। हम अपने घर व कार्यस्थल के आस-पास सफाई रखकर मच्छर जनित बीमारियों का खतरा 50 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। सरकार तो प्रयास हर साल करती ही है। आमजन की भागीदारी भी बढ़ जाए तो यह मुहिम और आसान हो सकती है। -