रेप केस में Rajasthan के पूर्व मंत्री के बेटे रोहित जोशी को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं, जानें मामला
जयपुर न्यूज़ डेस्क, दिल्ली हाई कोर्ट ने आज (26 सितंबर) को राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी को किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया. यह मामला न्यायमूर्ति अमित महाजन के समक्ष आया, जिसमें एक 23 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया है कि रोहित जोशी ने एक साल से अधिक समय तक दिल्ली, जयपुर और अन्य स्थानों पर कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया.
"महिला पर झूठे केस दायर कर डाला गया दबाव"
महिला की ओर से पेश हुए वकील शिव मंगल शर्मा ने कहा कि ऐसे गंभीर अपराध के मामले में एफआईआर और चार्जशीट को रद्द करने की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि बिना शिकायतकर्ता का पक्ष सुने इन आरोपों को खारिज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह मामला गंभीर आरोपों से जुड़ा हुआ है. साथ ही यह भी बताया कि राजस्थान में जोशी के सत्ता में रहते हुए महिला पर झूठे केस दायर करके उसे शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डाला गया.
रोहित जोशी पर रेप और गर्भपात कराने का मुकदमा
एफआईआर 9 मई 2022 को सदर बाजार पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी, जिसमें रोहित जोशी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 328 (जहर देकर नुकसान पहुंचाना), 312 (गर्भपात कराना), 377 (अप्राकृतिक कृत्य) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाए गए हैं.
रोहित जोशी के वकील का तर्क-हनी ट्रैप से जुड़ा है मामला
रोहित जोशी की ओर से उनके वकील हरिहरन ने इन आरोपों का विरोध करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता और रोहित के बीच संबंध सहमति से थे और यह आरोप 'हनी ट्रैप' का हिस्सा है, जिसके जरिए महिला ने जोशी पर शादी के लिए दबाव डाला. बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि शिकायतकर्ता को पहले से ही रोहित की वैवाहिक स्थिति के बारे में जानकारी थी और उसने रोहित पर उसकी पत्नी को तलाक देने और उससे शादी करने के लिए दबाव डाला.
अब 25 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
इन तर्कों के बावजूद, दिल्ली हाई कोर्ट ने रोहित जोशी को एफआईआर रद्द करने के मामले में किसी भी प्रकार की तत्काल राहत देने या ट्रायल पर रोक लगाने का आदेश जारी नहीं किया. अदालत ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर 2024 को निर्धारित की है. इस बीच ट्रायल जारी रहेगा.