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Rajasthan में UDH मंत्री और रेरा चेयरमैन में छिड़ी बहस, जानिए क्यों बढ़ा टकराव?

 
Rajasthan में UDH मंत्री और रेरा चेयरमैन में छिड़ी बहस, जानिए क्यों बढ़ा टकराव?

जयपुर न्यूज़ डेस्क,  रियल एस्टेट रेगुलेटिरी ऑथोरिटी (रेरा) राजस्थान में रजिस्ट्रार की नियुक्ति प्रक्रिया के मामले में नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा और रेरा अध्यक्ष वीनू गुप्ता आमने-सामने हो गए हैं। नगरीय विकास विभाग के निर्देश पर रेरा ने आवेदन आमंत्रित किए और प्रक्रिया पूरी कर फिर से पूर्व आरएएस राजीव जैन का चयन किया। इसकी मंजूरी के लिए यूडीएच मंत्री को फाइल भेजी गई। नगरीय विकास मंत्री ने चयन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए। इस आधार पर यूडीएच ने कई बिंदुओं पर रेरा से स्पष्टीकरण मांगा, जिस पर रेरा ने दो टूक जवाब दिए हैं। रेरा रजिस्ट्रार पद पर सेवानिवृत्त अधिकारी की पे माइनस पेंशन पर नियुक्ति की जानी है। इसी के चलते राज्य सरकार मंजूरी चाही गई। गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने सेवानिवृत्त आईएएस वीनू गुप्ता की रेरा अध्यक्ष पर नियुक्ति की थी।

यूडीए के सवाल

-निर्देश के बावजूद साक्षात्कार के माध्यम से नहीं किया गया चयन।
-पात्रता में किसी पुरस्कार को विशेष तवज्जो देने का प्रावधान नहीं था। इसके बाद भी अंतिम चयन में इसका उपयोग किया गया।
-चयन प्रक्रिया व चयन के लिए गठित स्क्रीनिंग कमेटी का अनुमोदन नहीं कराया।

रेरा का जवाब
-रेरा कानून के तहत रेरा कार्मिकों की नियुक्ति की शक्तियां निहित हैं। नियुक्ति की संपूर्ण शक्तियां रेरा अध्यक्ष में निहित है। उपयुक्त अधिकारी का चयन किया इन्हीं शक्तियों के तहत किया गया।
-स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से रेरा में शुरू से ही ऐसे मामलों में निर्णय लिया जाता रहा है।
-इस मामले में भी कमेटी ने सर्वाधिक उपयुक्त अधिकारी का चयन किया गया है।

उप मुख्यमंत्री बैरवा कर चुके हैं सिफारिश

उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने सेवानिवृत्त आरएएस रामचन्द्र बैरवा को नियुक्त करने का सिफारिश पत्र मुख्यमंत्री को भेजा। बाकायदा इसके लिए नोटशीट लिखी गई। बैरवा ने भी रेरा में आवेदन किया हुआ है।