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दौसा: विवाहिता की संदिग्ध मौत, परिजनों का अस्पताल में धरना, पति गिरफ्तार

दौसा: विवाहिता की संदिग्ध मौत, परिजनों का अस्पताल में धरना, पति गिरफ्तार
 
दौसा: विवाहिता की संदिग्ध मौत, परिजनों का अस्पताल में धरना, पति गिरफ्तार

दौसा जिला हेडक्वार्टर में एक शादीशुदा महिला की संदिग्ध हालात में मौत की खबर से सनसनी फैल गई। घटना की जानकारी मिलते ही मृतका के परिवार और रिश्तेदार बड़ी संख्या में जिला अस्पताल पहुंचे और ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और तुरंत कार्रवाई की मांग की।

परिवार के आरोप और विरोध
परिवार ने आरोप लगाया कि महिला की हत्या उसके ससुराल वालों ने की है। उन्होंने इसी मांग को लेकर जिला अस्पताल में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। परिवार ने कहा कि जब तक आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, वे विरोध प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे। इस दौरान अस्पताल परिसर में तनाव का माहौल रहा।

पुलिस की तत्परता, आरोपी पति की गिरफ्तारी
मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी पति मुकेश को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की इस कार्रवाई से परिवार ने कुछ संतुष्टि जताई, हालांकि वे दूसरे आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।

दहेज प्रताड़ना का पुराना आरोप
मृतका के पिता जगदीश और बेटे भोमाराम, जो बावड़ी दरवाजा भांडारेज के रहने वाले हैं, ने बताया कि उनकी बेटी निरमा की शादी 23 नवंबर 2023 को मुकेश से हुई थी। शादी के पहले दिन से ही मुकेश और उसके परिवार वाले निरमा को दहेज के लिए परेशान करने लगे थे। मुकेश की मां, जीजा राम अवतार, सत्यनारायण, अमर सिंह और जीजा चेतराम पर भी परेशान करने का आरोप लगाया गया है।

काउंसलिंग के बाद मायके लौटने और अपने परिवार के पास लौटने की कहानी
लगातार प्रताड़ना से तंग आकर निरमा अपने मायके लौट आई। करीब नौ महीने बाद उसके पिता ने उसके पति मुकेश को भांडारेज बुलाकर उसकी काउंसलिंग की। भरोसा दिलाने पर निरमा को वापस ससुराल भेज दिया गया, जहां मुकेश उसे दौसा में होंडा शोरूम के पीछे एक मकान में रखने लगा। लगातार मारपीट और रोकने का आरोप
परिवार वालों का आरोप है कि मुकेश ससुराल लौटने के बाद भी अपनी मां, जीजा और साली के उकसाने पर निरमा पर हमला करता रहा। निरमा को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था। उसने बार-बार अपने परिवार को अपनी आपबीती सुनाई और उन्होंने आरोपियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कुछ दिनों बाद स्थिति सामान्य हो गई।

हत्या और अस्पताल में भर्ती कराने का आरोप
परिवार वालों के मुताबिक, 17 दिसंबर को मुकेश ने अपनी मां, जीजा राम अवतार, सत्यनारायण, अमर सिंह और जीजा चेतराम के उकसाने पर निरमा पर हमला किया और फिर पाइप से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद मुकेश उसे दौसा के सरकारी अस्पताल ले गया और अपने जीजा तुलसीराम उर्फ ​​कानू को निरमा की बिगड़ती तबीयत के बारे में बताया।