जयपुर में सोशल मीडिया रील पर बवाल, गौ सेवकों पर टिप्पणी करना इन्फ्लुएंसर को पड़ा भारी, वीडियो में देखें बाजार में निकाल दिया जुलूस
जयपुर में सोशल मीडिया पर बनाई गई एक रील को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनवारी छेड़वाल को गौ सेवकों पर रील बनाना भारी पड़ गया। रील सामने आने के बाद कथित रूप से नाराज लोगों ने बनवारी के साथ जमकर मारपीट की और उसे जबरन बाजार में जुलूस के रूप में घुमाया। घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है।
जानकारी के अनुसार, बनवारी छेड़वाल जयपुर में अपनी फुटवेयर की दुकान चलाता है और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता है। आरोप है कि उसने हाल ही में गौ सेवकों को लेकर एक आपत्तिजनक रील बनाई थी, जिससे कुछ लोग नाराज हो गए। इसी नाराजगी के चलते गौरव शर्मा सहित करीब 25 लोग बनवारी की दुकान पर पहुंचे। उस समय बनवारी दुकान पर बैठा हुआ था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुकान पर पहुंचते ही लोगों ने बनवारी के साथ गाली-गलौज शुरू कर दी, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। आरोप है कि बनवारी को दुकान से जबरन उठाया गया और गिरेबान पकड़कर पूरे बाजार में घुमाया गया। इस दौरान उसे थप्पड़ और मुक्के मारे गए। जिस व्यक्ति ने बनवारी को पकड़ रखा था, उसकी टी-शर्ट के पीछे “गौ रक्षक” लिखा हुआ था, जिससे यह स्पष्ट हो रहा था कि हमला करने वाले खुद को गौ सेवक बता रहे थे।
घटना के दौरान बाजार में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। दुकानदारों और राहगीरों की भीड़ जमा हो गई, लेकिन किसी ने बीच-बचाव करने की हिम्मत नहीं की। कुछ लोगों ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो सामने आने के बाद मामले ने और अधिक गंभीर रूप ले लिया।
बताया जा रहा है कि मारपीट के बाद बनवारी को गंभीर चोटें आई हैं। हालांकि, उसे किस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। वहीं, घटना की सूचना मिलने पर पुलिस हरकत में आई और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि वायरल वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। यदि किसी को किसी रील या सोशल मीडिया पोस्ट से आपत्ति है, तो उसके लिए कानूनी रास्ता अपनाया जाना चाहिए। मारपीट और सार्वजनिक रूप से अपमान करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
इस घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आजादी और उसकी सीमाओं को लेकर बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर कंटेंट बनाते समय जिम्मेदारी बेहद जरूरी है, वहीं किसी भी आपत्ति का जवाब हिंसा नहीं हो सकता। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
