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100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को ठगने वाला कॉन्स्टेबल सस्पेंड, वीडियो में देखें करोड़पति बनाने का झांसा देकर करता था ठगी

100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को ठगने वाला कॉन्स्टेबल सस्पेंड, वीडियो में देखें करोड़पति बनाने का झांसा देकर करता था ठगी
 
100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को ठगने वाला कॉन्स्टेबल सस्पेंड, वीडियो में देखें करोड़पति बनाने का झांसा देकर करता था ठगी

राजस्थान पुलिस की साख को झटका देने वाला एक चौंकाने वाला मामला अजमेर से सामने आया है। 100 से अधिक पुलिसकर्मियों से धोखाधड़ी करने वाले कॉन्स्टेबल पवन मीणा को सस्पेंड कर दिया गया है। सोमवार को अजमेर एसपी वंदिता राणा ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किया।

पुलिस विभाग के अंदर ही घोटाले का यह मामला सामने आने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया है। पवन मीणा पर आरोप है कि उसने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए साथी पुलिसकर्मियों से आर्थिक लेन-देन के नाम पर ठगी की। उसके खिलाफ आए कई शिकायतों के बाद जांच शुरू हुई, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है।

कैसे की गई ठगी?

जानकारी के अनुसार, पवन मीणा ने साथी पुलिसकर्मियों को विभिन्न स्कीमों और निवेश योजनाओं का झांसा देकर उनसे मोटी रकम ऐंठी। उसने भरोसे का फायदा उठाते हुए पुलिस बल के अंदरूनी संपर्कों का इस्तेमाल कर पैसों का लेन-देन किया और बाद में गायब हो गया।

जिन पुलिसकर्मियों से ठगी की गई, उनमें कई छोटे रैंक के जवान भी शामिल हैं, जिनकी मेहनत की कमाई इस ठगी का शिकार बनी।

दूसरा आरोपी अब भी फरार

इस मामले में एक अन्य आरोपी पवन मीणा (संभवत: नाम या पहचान में समानता के कारण भ्रम) अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। उसकी तलाश के लिए पुलिस ने टीमें गठित कर ली हैं और राज्य के कई हिस्सों में दबिशें दी जा रही हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार कर मामले की तह तक पहुंचा जाएगा।

एसपी वंदिता राणा का बयान:

एसपी वंदिता राणा ने कहा, "यह मामला हमारे लिए बेहद गंभीर है। विभाग के अंदर से ही यदि इस तरह की धोखाधड़ी होती है, तो उसकी जवाबदेही तय करना जरूरी है। इसलिए पवन मीणा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।"

विभागीय साख पर सवाल

यह मामला सिर्फ एक आर्थिक अपराध नहीं है, बल्कि इससे पुलिस विभाग की आंतरिक व्यवस्था और साख पर भी सवाल उठने लगे हैं। जिन पुलिसकर्मियों को जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है, यदि वे खुद ही इस तरह के मामलों में लिप्त पाए जाते हैं, तो यह निश्चित ही चिंताजनक स्थिति है।