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अंबेडकर जयंती से पहले बीकानेर में कांग्रेस का विरोध, वीडियो में देखें कांग्रेस का मशाल जुलूस

अंबेडकर जयंती से पहले बीकानेर में कांग्रेस का विरोध, वीडियो में देखें कांग्रेस का मशाल जुलूस
 
अंबेडकर जयंती से पहले बीकानेर में कांग्रेस का विरोध, वीडियो में देखें कांग्रेस का मशाल जुलूस

अंबेडकर जयंती से एक दिन पहले रविवार रात बीकानेर की सड़कों पर कांग्रेस ने "संविधान बचाओ" का नारा बुलंद करते हुए मशाल जुलूस निकाला। यह जुलूस भाजपा पर संविधान विरोधी गतिविधियों के आरोपों के साथ सियासी गर्मी का प्रतीक बन गया। कांग्रेस नेताओं ने इसे देश के संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनजागरण का कदम बताया।

जुलूस का नेतृत्व कांग्रेस देहात जिलाध्यक्ष बिशनाराम सियाग ने किया, जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ता मशालें लेकर शामिल हुए। मशाल जुलूस की शुरुआत सर्किट हाउस के पास स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके बाद यह जुलूस गांधी पार्क से शुरू होकर मेजर पूर्णसिंह सर्किल होते हुए डॉ. अंबेडकर सर्किल तक पहुंचा।

राजनीतिक आरोपों की गर्माहट:
जुलूस के दौरान कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। मुख्य मुद्दा बना नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का मंदिर दर्शन। कांग्रेस का आरोप है कि जूली के दर्शन करने के बाद मंदिर को गंगाजल से धोया गया, जो कि न केवल अपमानजनक है बल्कि संविधान में दिए गए समानता के अधिकार का उल्लंघन भी है।

बिशनाराम सियाग ने कहा, "डॉ. अंबेडकर ने जिस संविधान की नींव रखी, उसी पर आज खुलेआम हमला किया जा रहा है। जब एक दलित नेता मंदिर जाता है और उसके बाद शुद्धिकरण की प्रक्रिया अपनाई जाती है, तो यह समाज में जातिगत विषमता और संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है।"

संविधान बचाओ का संदेश:
इस जुलूस के माध्यम से कांग्रेस ने संदेश देने की कोशिश की कि देश के संविधान पर खतरा मंडरा रहा है और आम जन को जागरूक रहकर उसकी रक्षा करनी चाहिए। मशालें हाथों में लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने "संविधान बचाओ", "अंबेडकर अमर रहें" और "भाजपा होश में आओ" जैसे नारे लगाकर माहौल को ऊर्जा से भर दिया।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम:
जुलूस को देखते हुए बीकानेर पुलिस ने शहर के प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। प्रशासन की निगरानी में यह शांतिपूर्वक संपन्न हुआ, हालांकि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के चलते तनाव का माहौल साफ झलक रहा था।