कांग्रेस जिला महासचिव विपिन बरथुनिया को शांतिभंग के आरोप में जेल, कांग्रेस खेमे में नाराज़गी का सामने आया वीडियो
राजस्थान के कोटा जिले में शांतिभंग के आरोप में पकड़े गए कांग्रेस जिला महासचिव विपिन बरथुनिया को लेकर शुक्रवार को बड़ा घटनाक्रम सामने आया। कार्यपालक मजिस्ट्रेट ने विपिन बरथुनिया को जेल भेजने के आदेश जारी किए, जिसके बाद कांग्रेस खेमे में नाराज़गी और कानूनी हलचल बढ़ गई है।
विपिन बरथुनिया को पुलिस द्वारा शांतिभंग की आशंका में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद उनके पक्ष से दो अधिवक्ताओं द्वारा जमानत याचिका प्रस्तुत की गई, लेकिन इसके बावजूद कार्यपालक मजिस्ट्रेट ने उन्हें राहत नहीं दी और जेल भेजने का आदेश दे दिया।
विपिन के वकील हरीश शर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, “हमने दो अधिवक्ताओं की जमानत पेश की थी, जो कि प्रक्रिया के तहत पर्याप्त होती है। इसके बावजूद मजिस्ट्रेट ने अलग से कंडीशन लगाते हुए जमानत अस्वीकार कर दी, जो न्याय प्रक्रिया का उल्लंघन है।”
वकील हरीश शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि इस निर्णय के खिलाफ वे अब राजस्थान हाईकोर्ट में अवमानना (Contempt of Court) की कार्रवाई दायर करेंगे। उनका कहना है कि कार्यपालक मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत देने से इनकार करना और अतिरिक्त शर्तें जोड़ना, न्यायिक प्रक्रिया की मर्यादा के खिलाफ है।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। पार्टी के स्थानीय नेताओं ने इस कार्रवाई को राजनीतिक द्वेष से प्रेरित बताया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
हालांकि, प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। लेकिन जानकारों का मानना है कि यदि हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर होती है, तो यह मामला और गंभीर हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं कोटा जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा सकती हैं। साथ ही, चुनावी माहौल में इस तरह के विवाद सरकार और प्रशासन की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े करते हैं।
