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Lok Sabha Election 2024 से पहले Congress की बढ़ी चिंता, इन सीटों के सियासी समीकरणों ने बढ़ाया तापमान

 
Lok Sabha Election 2024 से पहले Congress की बढ़ी चिंता, इन सीटों के सियासी समीकरणों ने बढ़ाया तापमान

जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया है। इधर, कांग्रेस में भी बीजेपी के प्रचार अभियान शुरू होने के बाद हलचल तेज हो गई है। लेकिन राजस्थान की कुछ सीटों को लेकर कांग्रेस पार्टी की चिंता बढ़ी हुई है। पिछले दिनों जयपुर शहर के टिकट में बदलाव, राजसमंद में प्रत्याशी की ओर से टिकट लौटाने समेत कई सियासी घटनाक्रम से कांग्रेस की जमकर किरकिरी हुई। हालांकि, कांग्रेस ने इस पर डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया। लेकिन फिर भी इन सीटों की समीकरणों को लेकर कांग्रेस की चिंता अभी तक बरकरार है। इस रिपोर्ट के जरिए जानते हैं कौन सी ऐसी चार सीटें हैं, जिनके कारण कांग्रेस चिंतित है।

जयपुर शहर सीट पर टिकट में हुआ बदलाव

राजस्थान में कांग्रेस की चिंता की शुरुआत जयपुर शहर की लोकसभा सीट से हुई। जहां जयपुर डायलॉग्स को लेकर उपजे विवाद के बाद प्रत्याशी सुनील शर्मा का टिकट काटकर पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को दिया गया। हालांकि, प्रताप सिंह चुनाव तो लड़ रहे हैं, लेकिन उनकी बॉडी लैंग्वेज बता रही है कि वह चुनाव लड़ने से खुश नहीं हैं। इसको लेकर उन्होंने मीडिया में भी कहा है कि 'मैं तो चुनाव लड़ना ही नहीं चाहता था। लेकिन पार्टी ने आदेश किया है तो चुनाव लड़ रहा हूं। ऐसे में प्रताप सिंह अभी से ही आत्मविश्वास से कमजोर दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा जयपुर शहर सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार का वर्चस्व रहा है। लेकिन कांग्रेस ने सुनील शर्मा के स्थान पर राजपूत चेहरे को मौका दिया है। जबकि भाजपा की तरफ से ब्राह्मण महिला नेता मंजू शर्मा उनकी टक्कर में हैं। चर्चा है कि बीजेपी की मंजू शर्मा काफी मजबूत स्थिति में हैं। यह कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है।
 

राजसमंद सीट से कांग्रेस की हुई जमकर किरकिरी

इस लोकसभा चुनाव में राजसमंद सीट की वजह से कांग्रेस की जमकर किरकिरी हुई है। राजसमंद से कांग्रेस के प्रत्याशी सुदर्शन सिंह रावत ने पार्टी का टिकट लौटा दिया। उनका कहना था कि बिना उनकी सहमति के पार्टी ने उन्हें टिकट दे दिया। जबकि उन्होंने 2 महीने पहले ही चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसको लेकर बीजेपी ने जमकर हमले किए। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस में अब पार्टी का टिकट लेने वाला भी नहीं बचा है। इस मामले में डैमेज कंट्रोल करते हुए कांग्रेस ने भीलवाड़ा के प्रत्याशी दामोदर गुर्जर को राजसमंद शिफ्ट कर दिया। लेकिन राजसमंद सीट पर कांग्रेसी प्रत्याशी दामोदर गुर्जर बाहरी हैं। दामोदर गुर्जर मूल रूप से गंगापुर सिटी के रहने वाले हैं। जबकि बीजेपी की तरफ से नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह की पत्नी महिमा को टिकट दिया गया है। राजसमंद सीट शुरू से बीजेपी का गढ़ रही है और यहां राजपूत समाज का बाहुल्य है।ऐसी स्थिति में महिमा मेवाड़ की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है।

झुंझुनू सीट पर भी प्रत्याशी नजर आ रहा है हतोत्साहित

राजस्थान की झुंझुनू से भी कांग्रेसी प्रत्याशी चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं है। इसको लेकर उम्मीदवार बृजेंद्र ओला ने सार्वजनिक रूप से इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि 'मैं तो चुनाव ही नहीं लड़ना चाहता था। इसको लेकर गहलोत और पायलट को मैं पहले ही मना कर चुका था। लेकिन जब पार्टी ने आदेश दिया और पार्टी का अस्तित्व संकट में देखते हुए मैंने चुनाव लड़ने का निर्णय किया।' ऐसे में बृजेंद्र ओला का चुनावी समर में उतरने में कोई उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है। चुनाव में उतरने से पहले ही कांग्रेस के प्रत्याशी अपने हथियार डालते हुए नजर आ रहे हैं। जो कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है।

डूंगरपुर-बांसवाड़ा में गठबंधन होगा या कांग्रेस उतरेगी प्रत्याशी?

डूंगरपुर बांसवाड़ा लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस में गठबंधन को लेकर मंथन चल रहा है। सियासी चर्चा है कि क्षेत्रीय पार्टी बीएपी (BAP) के साथ कांग्रेस गठबंधन करने वाली है। इसको लेकर कांग्रेस की कई बार बीएपी (BAP) पार्टी के साथ चर्चा हो चुकी है। लेकिन अभी तक कांग्रेस ने घोषणा नहीं की है कि वह गठबंधन करेगी या अपना उम्मीदवार उतारेगी? यह सियासी सवाल अभी भी घूम रहा है। हालांकि, ज्यादा संभावना कांग्रेस के बीएपी (BAP) पार्टी के साथ गठबंधन की बताई जा रही है। अब देखना होगा कि कांग्रेस यहां से गठबंधन करती है या अपना उम्मीदवार उतारती है।