टोंक में सरकारी दफ्तरों में गंदगी देख भड़कीं कलेक्टर, बोलीं- अपना घर भी ऐसे ही गंदा रखते हो क्या?
मंगलवार सुबह टोंक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने राजस्थान के टोंक डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर में सरकारी ऑफिसों का सरप्राइज विजिट किया। राज्य सरकार के ऑर्डर के मुताबिक, आज हर ऑफिस में एक घंटे की सफाई ड्राइव शुरू होनी थी। लेकिन, कई जगहों पर कलेक्टर को कर्मचारी खाली बैठे मिले। जहां सफाई होनी थी, वहां कचरे के ढेर दिखे। इससे गुस्सा होकर कलेक्टर ने कर्मचारियों को डांटा और पूछा, "क्या तुम लोग अपने घरों को इतना गंदा रखते हो? यह नहीं चलेगा। तुम्हें तुरंत सफाई शुरू करनी चाहिए।"
कर्मचारियों को डांटा
कलेक्टर के विजिट से सरकारी ऑफिसों की असलियत सामने आ गई। कई ऑफिसों में कर्मचारी सफाई करने के बजाय बातें करने में बिज़ी थे। कागजों के ढेर बिखरे हुए थे, और दूसरे ऑफिसों में धूल की मोटी परत जमी हुई थी। कल्पना अग्रवाल ने हर ऑफिस का दौरा करके हालात का जायजा लिया।
उन्होंने कर्मचारियों से साफ-साफ कहा कि ऑफिस घर जैसा होना चाहिए। अगर तुम अपना घर साफ रखते हो, तो यहां लापरवाही क्यों कर रहे हो? कलेक्टर की सख्ती से कर्मचारी हैरान रह गए और उन्होंने तुरंत झाड़ू और कचरा उठाया और काम पर लग गए। कलेक्टर ज़्यादातर जगहों पर सफ़ाई की हालत देखकर बहुत नाराज़ हुए। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सफ़ाई अभियान पर कलेक्टर की कड़ी नज़र
यह इंस्पेक्शन राज्य सरकार के उस आदेश का हिस्सा था जिसमें हर सरकारी ऑफ़िस में सफ़ाई के लिए हर दिन एक घंटा तय किया गया था। कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने कहा कि सफ़ाई से काम बेहतर होता है। लेकिन, टोंक के ऑफ़िसों में स्थिति निराशाजनक थी। कई कर्मचारी सफ़ाई शुरू करने में हिचकिचा रहे थे, लेकिन कलेक्टर की फटकार के बाद सभी एक्टिव हो गए।
इस घटना से पूरे ज़िले में हलचल मच गई है। अब कर्मचारी सफ़ाई को गंभीरता से ले रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि साफ़-सुथरे ऑफ़िस और जनता को अच्छी सर्विस देने के लिए भविष्य में भी ऐसे सरप्राइज़ इंस्पेक्शन होते रहेंगे।
