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राजस्थान में ठंड का कहर जारी, कई शहरों में पारा लुढ़का, जनजीवन प्रभावित

 
राजस्थान में ठंड का कहर जारी, कई शहरों में पारा लुढ़का, जनजीवन प्रभावित

राजस्थान में सर्दी का सितम लगातार बढ़ता जा रहा है। जनवरी के पहले सप्ताह के साथ ही शीतलहर ने प्रदेश के अधिकांश हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया है। बुधवार को अलवर, जालौर, बाड़मेर, प्रतापगढ़ सहित कई शहरों में न्यूनतम तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई। उत्तरी और पश्चिमी राजस्थान के कई इलाकों में पारा तेजी से नीचे गिर रहा है, जिससे आमजन का जीवन प्रभावित हो रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार नागौर, फतेहपुर, माउंट आबू और सीकर में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला गया। इनमें से कुछ स्थानों पर पारा शून्य के करीब पहुंचने से पाले की स्थिति बन गई है। ठंडी हवाओं और कोहरे की वजह से सुबह और शाम के समय ठिठुरन और बढ़ गई है। तापमान में लगातार गिरावट का दौर अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।

अलवर और जालौर में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहा, जिससे सड़क यातायात प्रभावित हुआ। स्कूल जाने वाले बच्चों और कार्यालयों के लिए निकले लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा। कई स्थानों पर दृश्यता कम होने से वाहन धीमी गति से चल रहे हैं, जबकि दूर-दराज़ के ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और गंभीर बनी हुई है। ठंड के कारण राहगीरों की संख्या सुबह-सुबह कम देखी जा रही है, वहीं बाजारों में भी गतिविधियां देर से शुरू हो रही हैं।

बाड़मेर और प्रतापगढ़ में भी पारा गिरने से सर्दी का असर स्पष्ट रूप से देखा गया। रात के समय तापमान तेजी से नीचे जाने के कारण लोग घरों में सीमित रहने को मजबूर हैं। चाय-नाश्ते की दुकानों पर सुबह के वक्त भीड़ बढ़ने लगी है, वहीं अलाव के आसपास लोगों के जुटने के दृश्य आम हो गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान पाले की वजह से फसलों पर संभावित प्रभाव को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। सरसों, चना और गेहूं की फसलों पर पाला पड़ने की आशंका से कृषि विशेषज्ञ किसानों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं।

माउंट आबू में तापमान में गिरावट के साथ पर्यटन कारोबार पर भी असर देखा जा रहा है। हालांकि, कई पर्यटक सर्दी का आनंद लेने के लिए इस हिल स्टेशन का रुख कर रहे हैं, लेकिन अत्यधिक ठंड के चलते स्थानीय होटल व्यवसायियों को सामान्य दिनों की तुलना में कम भीड़ मिल रही है। सुबह और देर शाम यहां बर्फीली हवाओं के कारण पारा लगातार नीचे जा रहा है।