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राजस्थान में ठंड और कोल्ड वेव का असर, नए वेस्टर्न डिस्टर्बेंस से हल्की बारिश की संभावना

राजस्थान में ठंड और कोल्ड वेव का असर, नए वेस्टर्न डिस्टर्बेंस से हल्की बारिश की संभावना
 
राजस्थान में ठंड और कोल्ड वेव का असर, नए वेस्टर्न डिस्टर्बेंस से हल्की बारिश की संभावना

राजस्थान में ठंड ने एक बार फिर तीखा असर दिखाना शुरू कर दिया है। पिछले रविवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में कोल्ड वेव (Coldwave) की स्थिति दर्ज की गई। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 31 दिसंबर से 1 जनवरी के दौरान एक नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (Western Disturbance) सक्रिय होने वाला है, जिससे पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में हल्की बारिश (जिसे स्थानीय रूप से मावट भी कहते हैं) की संभावना है।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के सक्रिय होने से तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। हालांकि, राज्य के कुछ हिस्सों में ठंड के चलते सर्द हवाओं और कोहरे की संभावना बनी रहेगी।

राज्य के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में ठंड की वजह से सुबह और रात के समय तापमान कम रहेगा। मौसम विभाग ने नागरिकों से सर्दी से बचाव के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े पहनने और विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों की देखभाल करने की सलाह दी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण राजस्थान में दिसंबर और जनवरी के अंत तक हल्की बारिश और ओस/मावठ जैसी घटनाएं आम होती हैं। इन घटनाओं से तापमान में थोड़ी वृद्धि होती है, लेकिन ठंड की सामान्य स्थिति जारी रहती है।

कई जिलों में किसानों को भी अलर्ट किया गया है। हल्की बारिश और मावठ के कारण कुछ फसलों पर असर पड़ सकता है। मौसम विभाग ने कृषि विभाग के माध्यम से किसानों को सलाह दी है कि वे फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

स्थानीय प्रशासन ने भी सड़क सुरक्षा और यातायात पर नजर रखने की चेतावनी जारी की है। ठंड और कोहरे के चलते कुछ मार्गों पर वाहन चालकों को सतर्क रहने और सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

राजस्थान में इस कोल्ड वेव और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा है कि नागरिक मौसम अपडेट पर नजर रखें और आवश्यक तैयारी करें।

राजस्थान में सर्दी का यह दौर यात्रियों, किसानों और आम जनता के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। मौसम विभाग लगातार स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहा है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में तापमान, हवा और बारिश की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।