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Jaipur फाइलों पर आचार संहिता का नोट, अधिकारी चुनाव ड्यूटी पर

 
Jaipur फाइलों पर आचार संहिता का नोट, अधिकारी चुनाव ड्यूटी पर
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर सरकारी दफ्तरों में आमजन का काम अटकाने के लिए आचार संहिता का बहाना लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रहा है। हालात यह हैं कि जिन लोगों को इलाज के लिए आयुष्मान (पहले चिरंजीवी) का कार्ड अपडेट कराना है या नया बनवाना है उन्हें आचार संहिता का हवाला देकर बाद में आने के लिए कहा जा रहा है। वहीं, जेडीए, निगम दफ्तरों में तो पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते पट्टा, सब डिवीजन, नाम हस्तांरण जैसे काम, जिनमें आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होता वो भी ठप पड़े हैं। निगम, जेडीए में ऐसी 20 हजार फाइलें पेंडिंग पड़ी हैं। स्थिति ये है कि 1000 सरस बूथ बन गए हैं, लेकिन दूध की सप्लाई शुरू नहीं की गई। सफाई कर्मचारियों के फार्मों की छंटनी तक रोक दी। आमजन रोजाना अधिकारियों, बाबुओं के दफ्तरों के बाहर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन एक ही जवाब मिल रहा है अभी आचार संहिता लगी है, जून में हटेगी तब आना। जयपुर में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल को ही हो गए, लेकिन ऑनलाइन आवेदकों को भी लॉगिन करने पर स्क्रीन पर एक ही जवाब लिखा मिल रहा है...वर्तमान में आदर्श आचार संहिता-2024 प्रभावी है। आचार संहिता समाप्ति पर ही प्रकरण में आगे की कार्यवाही संभव होगी। इनमें से कई पट्टा आवेदन तो विधानसभा चुनाव पहले किया गया था लेकिन अभी तक सरकारी पट्टा जारी नहीं हुआ। जबकि कई आवेदकों ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पूर्व ही सारी प्रक्रिया पूरी कर ली।

केस-1; सब डिवीजन की फाइल अटकी

जोन-2 में एक भूखंड के दो हिस्से यानी सब डिवीजन के लिए रामरतन और नंदकिशोर ने 22 फरवरी 2024 को ऑनलाइन आवेदन किया था। आवेदन नंबर 164237 की फाइल तब से पेंडिंग पड़ी है, जबकि सब डिवीजन का काम आचार संहिता से प्रभावी नहीं है। वहीं आवेदक को आचार संहिता का हवाला देकर फाइल का निस्तारण नहीं किया जा रहा। फाइल पर यह नोट भी लगा दिया कि आचार संहिता के बाद जवाब प्रस्तुत होगा।

केस-2; एक माह से नहीं बना चिरंजीवी कार्ड

दौसा के आभानेरी के रामबाबू ने चिरंजीवी कार्ड के लिए एक माह पहले आवेदन किया, लेकिन अब तक चक्कर काट रहे हैं। कलेक्ट्रेट से लेकर विभागीय अधिकारी हर बार आचार संहिता का हवाला देते हुए जून में आने के लिए कहते हैं। रामबाबू ने बताया कि मां बीमार हैं और अस्पताल में कार्ड मांगा जाता है। इसी तरह बांदीकुई के लाला ने चिरंजीवी रिन्यूअल के लिए आवेदन किया हुआ है लेकिन वह अभी तक नहीं हो पाया है।

केस-3; 8 माह से पट्टे के लिए भटक रहे 1 हजार सरस बूथ तैयार, दूध सप्लाई नहीं

एक हजार सरस बूथ लॉटरी से निकाले थे। आवंटित बूथ मालिकों को निगम से आवंटन पत्र मिल गए। लोगों ने सरस बूथ बना निर्धारित जगह रख लिए। इसमें करीब 2 लाख खर्च हो गए, लेकिन जयपुर डेयरी के अधिकारी आचार संहिता के नाम पर दूध सप्लाई नहीं कर रहे।

केस-4; चार माह से फाइल अटकी हुई

जोन-5 में पुष्पा शर्मा ने सितंबर 2023 में भूखंड के पट्टा लेने के लिए आवेदन किया था। फाइल प्रोसेस में आई ही थी कि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। जनवरी 2024 से फिर फाइल पर काम शुरू हुआ। 7 मार्च तक डिमांड राशि, स्टाम्प ड्यूटी के साथ मूल दस्तावेज जमा करवाए। इसके बावजूद पट्टा जारी नहीं हुआ और 16 मार्च को लोकसभा की आचार संहिता लागू होने से फाइल अटकी गई।

24797 सफाई कर्मचारियों की भर्ती रुकी

सरकार ने पूरे प्रदेश 24 हजार 797 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकाली थी। आवेदन के बाद फार्मों की छंटनी प्रक्रिया हो चुकी है। अब फार्मों की छंटनी के बाद आचार संहिता की वजह से भर्ती अटकी हुई है। लोकसभा चुनाव के चलते जेडीसी मंजू राजपाल, सचिव हेमपुष्पा शर्मा व डीएलबी निदेशक सुरेश आेला अन्य राज्यों में लोकसभा चुनाव की ड्यूटी में हैं। जेडीए, निगम के अधिकारी न आमजन की सुनवाई कर रहे न ही पेंडिंग फाइलों का निस्तारण। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने पिछले दिनों सरकारी विभागों का दौरा कर स्पष्ट निर्देश दिए थे कि आचार संहिता के चलते आमजन के काम नहीं अटकने चाहिए। लेकिन कोई असर नहीं पड़ा

फाइलों पर आचार संहिता का नोट, अफसर चुनावी ड्यूटी पर बाहर

पार्वती नगर एक्सटेंशन निवासी अनिल जैन ने भी पट्टे के लिए 19 सितंबर 2023 को आवेदन किया था। ऑनलाइन आवेदन नम्बर 152177 की फाइल महीनों से डीसी, ईओ, अकाउंट्स अधिकारी के पास ही घूम रही है। अब जेडीए अधिकारी आचार संहिता का हवाला लेकर पट्टा जारी नही कर रहे। यहां तक की ऑनलाइन जवाब में आवेदक को आचार संहिता के चलते जवाब भी पेश करने से रोक दिया।