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ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले को लेकर CM भजनलाल एक्शन मोड़ में, इन चिकित्सकों पर की कार्रवाई

 
ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले को लेकर CM भजनलाल एक्शन मोड़ में, इन चिकित्सकों पर की कार्रवाई

जयपुर न्यूज़ डेस्क, अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ.राजीव बगरहट्टा और एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ.अचल शर्मा के इस्तीफे राज्य सरकार ने मंजूर कर लिए हैं। इस्तीफे मांगे जाने के बाद डॉ.राजीव ने सोमवार को ही सरकार को इस्तीफा सौंपा था। जबकि डॉ.अचल दो महीने पहले एसएमएस में गलत ब्लड चढ़ाने के मामले में युवक की मौत के बाद अपना इस्तीफा दे चुके थे। जिसे अब मंजूर कर लिया गया है। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) के कुलपति डॉ.सुुधीर भंडारी ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है। इस बीच स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो) के पुर्नगठन के भी संकेत मिले। लेकिन सोटो राजस्थान की वेबसाइट पर पुरानी कमेटी ही बुधवार रात तक बरकरार रही। वेबसाइट के अनुसार देर रात तक सोटो के चेयरमेन अभी भी डॉ.सुधीर भंडारी ही बताए जाते रहे।

दो-दो नामों के पैनल भेजे सीएम को

कमेटियों के चिकित्सकों से इस्तीफे मांगने के बाद अब सरकार ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए दो-दो चिकित्सकों के पैनल बनाकर मुख्यमंत्री को भेजे हैं। हैदराबाद चुनावी दौरे पर गए सीएम भजनलाल शर्मा से हरी झंड़ी मिलते ही इन पदों पर फिलहाल वरिष्ठ चिकित्सकों को चार्ज दिया जाएगा। इसके बाद स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी।
हमने साक्ष्यों के आधार पर कुलपति को भी इस्तीफे के लिए कहा था। कुलपति बनने के बाद भी उनके लगातार इस पद पर काम करने के प्रमाण हैं। लेकिन डॉ.भंडारी ने इस्तीफा नहीं दिया है। सरकार उनके कार्यकाल की विस्तृत जांच कर सख्त एक्शन लेगी।

गजेन्द्र सिंह खींवसर, चिकित्सा मंत्री

फर्जी एनओसी प्रकरण पिछले दस महीने में हुआ है। अब अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम में कुलपति की कोई भूमिका नहीं होती। मेरा प्राचार्य एवं नियंत्रक का कार्यकाल 4 जुलाई 2022 के बाद खत्म हो गया था। इससे पहले सवाईमानसिंह अस्पताल के संयोजक और अधीक्षक की ओर से अस्पताल में हर सप्ताह पेशेंट अथॉराइजेशन की मीटिंग होती थी। मैरा कोई दोष ही नहीं है।