केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर सीएम भजनलाल ने श्रद्धालुओं को दी बधाई, 6 महीने तक मिलेंगे बाबा के दर्शन

अगर आपने चारधाम यात्रा की योजना बनाई है तो यह आपके लिए सबसे अच्छा मौका होने वाला है क्योंकि शीतकाल के दौरान बंद रहे बाबा केदारनाथ (केदारनाथ मंदिर) के कपाट आज यानी 2 मई को खोल दिए गए हैं। केदारनाथ भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से चार धामों में से एक है। जिसके लिए भक्त कठिन मार्गों से होकर समुद्र तल से लगभग 3,583 मीटर (11,755 फीट) की ऊंचाई पर स्थित बाबा केदार तक पहुंचते हैं। यह पूजा स्थल उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में मंदाकिनी नदी के पास हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित है। मंदिर में भगवान शिव के स्वयं-प्रकाशित ज्योतिर्लिंग की पूजा की जाती है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी कपाट खुलने पर श्रद्धालुओं को बधाई दी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक देवाधिषदेव महादेव के पावन धाम श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!
मेरी प्रार्थना है कि बाबा केदार के आशीर्वाद के पावन प्रकाश से हम सभी लोगों का जीवन सुख, समृद्धि और खुशहाली से भर जाए।
सर्वत्र शिव!
दरवाजे कैसे खुलते हैं?
शुक्रवार को बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने से पहले बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गुरुवार को ही केदारनाथ धाम पहुंच गई। इस पर्व पर बाबा के मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया। इस बार केदारनाथ यात्रा में भीड़ नियंत्रण के लिए टोकन सिस्टम लागू किया जा रहा है, जो पहले दिन से ही लागू हो जाएगा।
इस बार मंदिर में फोन ले जाने पर प्रतिबंध है।
केदारनाथ में तीर्थयात्रियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। केदारनाथ मंदिर परिसर के 30 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन के उपयोग की अनुमति नहीं है। रील या फोटोशूट करते पकड़े जाने पर मोबाइल फोन जब्त कर लिया जाएगा और 5,000 रुपये का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। हर साल सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। ग्रीष्म ऋतु आते ही मंदिर के कपाट पुनः खुल जाते हैं और बाबा केदार भक्तों को दर्शन देकर आशीर्वाद देते हैं।