'सिर्फ प्रचार से सीट नहीं मिलेगी' बीजेपी के विकास रथ का विरोध
राजस्थान सरकार की दो साल की उपलब्धियां बताने निकले BJP के विकास रथ का जालोर में विरोध हुआ। गांववालों ने रथ पर लगी LED TV बंद कर दी और सरकार पर गांव को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया। करीब दो घंटे की बातचीत और विरोध के बाद गांववालों ने रथ को गांव से गुज़रने से मना कर दिया और वापस भेज दिया। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है।
गांववालों ने विकास रथ रोका
दरअसल, जालोर के आहोर विधानसभा इलाके में BJP के विकास रथ का विरोध करते हुए गांववालों ने साफ कहा कि सरकार ने पिछले दो साल में शंकरा गांव में विकास के लिए एक भी रुपया नहीं लगाया है। BJP सिर्फ प्रचार करके आहोर विधानसभा सीट नहीं जीत पाएगी। गांववालों ने कहा कि ज़मीन पर दिखने वाले काम से ही वोट मिलेंगे, चाहे वो मुख्यमंत्री हों या स्थानीय MLA।
जैसे ही विकास रथ पहुंचा, गांववालों ने उसे रोक दिया। करीब दो घंटे की बातचीत और विरोध के बाद गांववालों ने रथ को गांव से गुज़रने से मना कर दिया और वापस भेज दिया। गांव के खेत सिंह ने बताया कि पिछले दो साल में गांव में कोई नया डेवलपमेंट का काम नहीं हुआ है, न ही बेसिक प्रॉब्लम सॉल्व हुई हैं। इसी वजह से गांव वालों में सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है।
हर 10-15 दिन में पानी की सप्लाई
गांव वालों का आरोप है कि वॉटर सप्लाई डिपार्टमेंट में स्टाफ की कमी है, सर्दी के मौसम में भी 10-15 दिन में एक बार ही पानी आता है, स्कूलों में टीचरों की कमी है, बिजली और दूसरे डिपार्टमेंट में गंभीर प्रॉब्लम बनी हुई हैं। गांव वालों ने कहा कि विकास रथ यात्रा पर जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा है। काम होगा तो खुद ही दिखेगा, जिसके लिए किसी पब्लिसिटी की जरूरत नहीं है।
घटना की जानकारी मिलने पर आहोर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और गांव वालों को समझाइश दी। हालांकि, पूरी घटना के दौरान कोई झगड़ा या मारपीट नहीं हुई। इस बीच, गांव वालों ने मोदरान, सेरना और धनसा गांवों को भीनमाल पंचायत समिति से अलग करके जसवंतपुरा पंचायत समिति में मिलाने के प्रपोजल का भी विरोध किया है। उन्होंने इस फैसले को जनता की भावना के खिलाफ बताते हुए वापस लेने की मांग की है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए DSP शंकरलाल मंसूरिया समेत पुलिस अधिकारियों ने इलाके में गश्त की।
