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राजस्थान में हनीट्रैप में फंसाकर कारोबारी की निर्मम हत्या, जानें पूरा मामला

 
राजस्थान में हनीट्रैप में फंसाकर कारोबारी की निर्मम हत्या, जानें पूरा मामला 

जयपुर न्यूज़ डेस्क, मंडी खटीकान स्थित शीतला माता मंदिर के पास रहने वाले व्यापारी दिलीप सांवरिया की फिरौती के 50 लाख रुपए नहीं मिलने पर हत्या कर दी गई थी। गलता गेट स्थित गणेशपुरी कॉलोनी निवासी 21 वर्षीय अंजली सोनी ने व्यापारी को प्रेम जाल में फंसाया, फिर मोटी रकम वसूलने के लिए पति व चार अन्य परिचितों के जरिये अपहरण की साजिश रची थी। डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा डूडी ने बताया कि हत्या के मामले में मूलत: मध्यप्रदेश के ग्वालियर हाल गलता गेट स्थित गणेशपुरी कॉलोनी निवासी 21 वर्षीय अंजली सोनी, मुरैना निवासी उसके पति प्रदीप गोस्वामी, मूलत: प्रागपुरा हाल दिल्ली निवासी विजय धानका व मूलत: उत्तराखंड हाल दिल्ली निवासी संतोष कुमार को गिरफ्तार किया। जबकि मामले में आरोपी मनीष व मुकेश फरार हैं। डीसीपी ने बताया कि दो वर्ष पहले अंजली मध्यप्रदेश में मुरैना निवासी प्रेमी प्रदीप के साथ भागकर जयपुर आ गई थी और यहां दोनों ने शादी कर ली। प्रदीप जयपुर में ई-रिक्शा चलाता है और दिलीप सांवरिया का ई-रिक्शा की बैटरी बेचने का काम था। दिलीप से अंजली की मुलाकात उसकी दुकान पर ही हुई थी। उन्होंने बताया कि हत्या के बाद आरोपी चार धाम की यात्रा के लिए निकल गए, विजय व संतोष को चंबोली में गोपेश्वर मंदिर से पकड़ा।

3 मई को चली गई दिल्ली, फिर मिलने बुलाया

एसीपी हरिशंकर शर्मा ने बताया कि आरोपी अंजली व्यापारी दिलीप सांवरिया से रुपए उधार लेने लगी। बाद में व्यापारी को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। उनके बीच अवैध संबंध बन गए। अंजली ने व्यापारी दिलीप के पास मोटी रकम होने की संभावना पर उसके अपहरण की साजिश रची। पति प्रदीप और ग्वालियर निवासी सहेली मुस्कान के दिल्ली निवासी परिचित विजय और उसके साथी संतोष, मनीष व मुकेश को मोटी रकम मिलने की कहकर साजिश में शामिल कर लिया। साजिश के तहत अंजली 3 मई को दिल्ली चली गई। इसके बाद मोबाइल पर दिलीप से बातचीत करने लगी। दिलीप उसके कहने पर 20 मई को परिजन को फरीदाबाद जाने की कहकर दिल्ली चला गया, जो वापस नहीं लौटा। दिलीप के बेटे ने गलतागेट थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई।

21 मई को हत्या, रात को ही शव ठिकाने लगाया

दिलीप 21 मई की सुबह दिल्ली पहुंच गया। अंजली उसको एक फ्लैट में लेकर गई, जहां पर वह नहाकर तैयार हो गया। इस दौरान अंजली ने विजय, संतोष, मनीष व मुकेश को वहां बुला लिया। चारों ने दिलीप के साथ मारपीट की और उसके हाथ-पैर बांधकर मुंह पर टेप चिपका दी। फिर दिलीप के मोबाइल से ही उसके परिजन को फोन कर सलामती के लिए 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी। दो-तीन घंटे बाद अंजली चारों बदमाशों के हवाले दिलीप को करके जयपुर लौट आई। चारों बदमाशों ने 21 मई की शाम को दिलीप की हत्या कर दी और देर रात को शव तकिये, चद्दर, प्लास्टिक के कट्टों में लपेटकर दिल्ली स्थित सुल्तानपुरी माजरा सरकारी स्कूल के पास गंदे नाले में फेंक दिया। हत्या के दो दिन बाद आरोपी विजय जयपुर आया और अंजली व प्रदीप को दिलीप की हत्या करने के बारे में बताया।

मकान तो बढ़िया है, फिर रकम क्यों नहीं दे रहे

पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपी विजय जयपुर में प्रदीप के साथ ई-रिक्शा में अलग-अलग जगह पहुंचकर दिलीप के मोबाइल को चालू करके बंद किया। प्रदीप रैकी करवाने के लिए विजय को दिलीप के घर के बाहर ले गया और कहा कि मकान तो बढ़िया है, फिर रकम क्यों नहीं दे रहे।

ऐसे पहुंची आरोपियों तक पुलिस

दिलीप और अंजली के बीच मोबाइल पर काफी बातचीत होना सामने आया, दिल्ली जाने से पहले और वहां पहुंचने पर भी अंजली से बात होना सामने आया।
अंजली को पकड़कर पूछताछ की गई तो दिल्ली में गैंग के अन्य साथियों द्वारा हत्या करना बताया, लेकिन शव कहां फेंका, इसकी जानकारी नहीं थी।
दिल्ली में करीब 300 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल शव को एक नाले से तलाशा गया, गैंग के अन्य सदस्यों को पकड़ा गया
खुलासे में इनकी भी रही महत्वपूर्ण भूमिका
एडिशनल डीसीपी रानू शर्मा, थानाधिकारी लिखमाराम, हैड कांस्टेबल धर्मेन्द्र, प्रदीप सिंह, तकनीकी सहायक कांस्टेबल विजय व अन्य पुलिसकर्मी