राजस्थान में गरजे बुलडोजर, दौड़े ट्रैक्टर, 400 बीघा भूमि में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का एक्शन
NGT के आदेश के बाद झुंझुनू प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। काटली नदी में अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया। केड ग्राम पंचायत में काटली नदी क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया गया। यह कार्रवाई खटकड़, नांगली निर्वाण और किरपुरा गांवों में नदी की करीब 400 बीघा जमीन पर की गई। निवासियों ने काटली नदी के किनारे अस्थायी और स्थायी निर्माण कर लिए थे। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई आज (18 दिसंबर) सुबह पुलिस बल की मौजूदगी में की गई। गुढ़ागौडजी तहसीलदार कुलदीप भाटी और प्रशासनिक अमला मौजूद था। JCB मशीनों का इस्तेमाल करके नदी के किनारे से अस्थायी और स्थायी दोनों तरह के अतिक्रमण हटाए गए।
प्रशासन ने 23 जगहों की पहचान की।
प्रशासन के मुताबिक, इस इलाके में अतिक्रमण की समस्या लंबे समय से चल रही थी। स्थानीय प्रशासन ने काटली नदी क्षेत्र में 23 कंस्ट्रक्शन साइटों की पहचान अतिक्रमण के तौर पर की थी। इनमें से 19 अस्थायी और स्थायी अतिक्रमणों को JCB का इस्तेमाल करके गिरा दिया गया, जबकि चार को वैसे ही छोड़ दिया गया। यह अवैध कब्जा ही नहीं था, बल्कि नदी के तल में फसलें भी बोई गई थीं। प्रशासन ने इन खेती योग्य क्षेत्रों को ट्रैक्टरों से नष्ट भी कर दिया था।
पहले भी नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
प्रशासन ने काडरों में बने आधे-अधूरे और पक्के मकानों को खाली करने के लिए लिखित नोटिस जारी किए थे। इसके बाद प्रशासन ने जेसीबी मशीनों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। तहसीलदार भाटी ने बताया कि एनजीटी के आदेश के अनुसार काटली नदी के जलग्रहण क्षेत्र से 19 अस्थाई और पक्के अतिक्रमण हटाए गए।
संसाधनों की कमी के कारण चार अतिक्रमण नहीं हटाए गए।
हालांकि, संसाधनों की कमी के कारण चार जगहों पर अतिक्रमण पेंडिंग थे और संसाधन उपलब्ध होते ही उन्हें हटा दिया जाएगा। गिरदावर रामस्वरूप झाझरिया, गिरदावर अनीता देवी, गिरदावर जुगल लाल, पटवारी सुभाष चंद्र गोस्वामी, पटवारी अजय गुर्जर, पटवारी मुकेश कुमार सिंघल, बाबूलाल खैरवा, छोटी देवी, सरपंच रविराज सिंह राठौड़, ग्राम विकास अधिकारी अतुल शर्मा व अन्य मौजूद थे।
